>>: पॉवर हाब का बढ़ा पॉवर : फ्लोटिंग सोलर प्लेट से प्रदेश को पहले दिन मिली 10 मेगावाट बिजली

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ओंकारेश्वर जलाशय में सोलर का उजाला होने के बाद पॉवर हब का पावर और बढ़ गया। एक माह की लंबी खींचतान के बाद सोलर प्लांट में 90 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरु हो गया। फ्लोटिंग सोलर प्लेट से पहले दिन प्रदेश को 10 मेगावाट बिजली मिली है। एक अप्रैल से ही बिजली की टेस्टिंग शुरू हो गई थी। तकनीकी प्रक्रिया में 28 दिन तक पॉवर जनरेशन शुरू नहीं हो सका। तकनीकी खामी को दूर करने बाहर से विशेषज्ञों को बुलाया गया। एक दिन पहले जनरेशन चालू हो गया। पहले दिन प्रदेश को शुरुआत के उत्पादन का दस प्रतिशत बिजली मिलने लगी।

एक माह में 278 मेगावाट बिजली मिलेगी
एमपीटीसीएल के प्रवक्ता शशीकांत ओझा के अनुसार सोलर प्लांट में 90 मेगावाट बिजली उत्पादन शुरू हो गया है। प्रदेश को दो दिन से दस मेगावाट बिजली मिलने लगी है। अगले पंद्रह दिन में पूरी उत्पादन हो रही 90 मेगावाट बिजली पूरी क्षमता से मिलने लगेगी। संभावना है कि आगामी एक माह में ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में स्थित तीनों इकाई से 278 मेगावाट बिजली प्रदेश को मिलने लगेगी।

एक माह से चल रही थी टेस्टिंग
सोलर प्लांट में बिजली उत्पादन की टेस्टिंग का कार्य एक माह से चल रहा था। अप्रेल माह के पहले सप्ताह में 50 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरु हुआ। सक्तापुर से छैगांव तक विशेष लाइन चार्ज का काम पूरा कर लिया गया था। अप्रेल के अंतिम सप्ताह तक 100 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू करने की योजना थी। लेकिन सिंक्रोनाइजेशन और तकनीकी खामी के चलते चालू नहीं हो सकी। टेस्टिंग में ही एक माह का समय लगा। अप्रेल के अंतिम दो दिन में बिजली का जनरेशन शुरू होने से प्रदेश को दस मेगावाट बिजली और मिलने लगी।

300 हेक्टेयर में पानी पर तैर रहे सोलर पैनल
-ओंकारेश्पर जलाशय में सोलर पैनल की प्लेटें 300 हेक्टेयर एरिया में पानी पर तैर रहीं हैं। तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार बांध के भीतर पानी पर एक मेगावाट बिजली उत्पादन करने एक हेक्टेयर एरिया में सोलर पैनल बिछाए गए हैं।

15 दिन तक अटका रहा डिस्ट्रीब्यूशन
-सोलर प्लांट में एक अप्रेल से उत्पादन शुरू होने का दावा है।ओंकारेश्वर और सिंगाजी पावर प्लांट के बिजली का सिंक्रोनाइजेशन नहीं होने से बिजली का डिस्ट्रीब्यूशन नहीं हो पा रहा था। बाहर से तकनीकी विशेषज्ञों की टीम आने के बाद प्रक्रिया पूरी हुई।

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