>>: फरवरी-अप्रैल में होगी गिद्धों की गिनती, 2022 में एमपी बना था वल्चर स्टेट

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हर दो वर्ष में होने वाली गिद्धों की गणना इस वर्ष 7 फरवरी 2024 को होगी। इस वर्ष से पुन: दो बार गिद्ध गिने जाएंगे। पहली बार गिनती के बाद दूसरी बार अप्रैल में यह गिनती होगी। दोनों ही दिन एक ही समय में प्रदेश भर के वन क्षेत्रों में एक साथ गिद्ध गिने जाएंगे। इसके लिए प्रदेश स्तर पर प्रशिक्षण दे दिया है। अब प्रदेश के टाइगर रिजर्वों व सामान्य वन मंडलों में उन क्षेत्रों का सर्वे किया जा रहा है, जहां गिद्ध पहले से पाए जाते हैं या जहां पाए जाने की संभावना है। दिसंबर के पहले सप्ताह तक ऐसे स्थानों को सूचीबद्ध किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि पिछली बार 7 फरवरी 2022 को गिद्धों की गणना हुई थी। तब एक बार की गिनती में 9,448 गिद्ध मिले थे। इसी आंकड़े को मान्य किया गया था। गिद्धों की यह संख्या देशभर के राज्यों में सर्वाधिक थी। इस वर्ष से दो बार गणना होगी लेकिन दोनों बार में मिले साक्ष्यों का अध्ययन कर एक आंकड़ा जारी किया जाएगा। इस गणना के लिए वन विहार नेशनल पार्क भोपाल को नोडल बनाया है।

गणना मैनुअली, सॉफ्टवेयर में अपलोड करेंगे डाटा
गिद्ध गणना के लिए पहली बार तकनीक की मदद ली जा रही है। असल में गणना तो मैनुअली होगी लेकिन उसमें गिद्धों से जुड़े साक्ष्य जैसे, फोटो, विष्ठा, उनके घोसले आदि को सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा। इस आधार पर इनकी पहचान करने व इनकी प्रजाति की सटीक जानकारी प्राप्त करने में सॉफ्टवेयर मदद करेगा।

इस वर्ष दो बार गणना

वन विहार नेशनल पार्क की डायरेक्टर पदमप्रिया बालाकृष्णन ने बताया कि शुरुआत में जब गणना शुरू की गई थी तब दो बार ही होती थी लेकिन बीच में एक बार गणना को ही मान्य किया जाने लगा था। अब इस वर्ष से दो बार गणना कराएंगे।

दे रहे प्रशिक्षण
राज्य स्तरीय प्रशिण के बाद संभाग व जिला स्तर पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह काम अलग-अलग चरणों में चल रहा है। इसके लिए सभी जिले के डीएफओ व पार्क के फील्ड डायरेक्टर को जिम्मेदारी दी गई है।

गिद्ध प्रजनन केंद्र

भोपाल के मेंडोरा क्षेत्र में गिद्ध प्रजनन केंद्र है, जो मप्र का एक मात्र है। यहां गिद्धों को रखा जा रहा है। इस सीजन में जो गिद्ध अंडे देंगे उनसे कृत्रिम प्रक्रिया के तहत चूजे निकाले जाएंगे। यह केंद्र लंबे समय से चल रहा है।

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