>>: Railway: 13 सौ करोड़ रुपए की रेल परियोजना अगले वर्ष होगी पूरी, यह है बड़ी वजह

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छिंदवाड़ा. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल के अंतर्गत छिंदवाड़ा-नैनपुर-मंडला फोर्ट रेल परियोजना वर्ष 2021 में पूरी नहीं हो पाएगी। हालांकि गेज कन्वर्जन विभाग के अधिकारी दिसंबर तक परियोजना पूरी होने की बात कह रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत देखी जाए तो अभी चौरई से सिवनी(लगभग 30 किमी) एवं सिवनी से भोमा(लगभग 22 किमी) तक अभी 60 प्रतिशत तक ही कार्य हुआ है। शेष कार्य पूरा होने में कम से कम छह से सात माह लग जाएंगे। इस रेलमार्ग पर सीआरएस के बाद ही ट्रेन का परिचालन शुरु होगा। कुल मिलाकर अभी तक हुए कार्यों को देखें तो मार्च 2022 से पहले छिंदवाड़ा, सिवनी, नैनपुर से होते हुए जबलपुर तक ट्रेन की सुविधा मिल पाना मुश्किल लग रहा है। बता दें कि वर्ष 2020 में इस परियोजना में पहले बजट और फिर कोरोना बांधा बनी थी। यह समस्या दूर हुई और वर्ष 2021 में कार्य ने तेजी पड़ेगी, लेकिन अप्रैल-मई में कोरोना ने फिर दस्तक दे दी। इसके बाद बारिश रुकावट बन गई। अधिकारियों का कहना है कि परियोजना में अब बजट बांधा नहीं है। मौसम भी अब धीरे-धीरे खुल रहा है। ऐसे में जल्द ही कार्य भी पूरे कर लिए जाएंगे। बता दें कि छिंदवाड़ा-नैनपुर-मंडला फोर्ट परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 13 सौ करोड़ रुपए है।


अभी ट्रैक लिंकिंग का कार्य
सिवनी से चौरई एवं चौरई से भोमा तक ट्रैक लिंकिंग का कार्य चल रहा है। गेम कन्वर्जन अधिकारियों का कहना है कि वेल्डिंग, यार्ड सहित अन्य कार्य होना शेष है। इसके बाद सीआरएस को आमंत्रित किया जाएगा।

हर वर्ष बदलता गया लक्ष्य
रेलवे ने गेज कन्वर्जन कार्यों के लिए 1 नवंबर 2015 को नैनपुर-छिंदवाड़ा, नैनपुर-मंडला, नैनपुर-बालाघाट एवं एक अक्टूबर 2015 से जबलपुर-नैनपुर खंड पर नैरोगेज का परिचालन बंद कर दिया था। इसके पश्चात कार्य शुरु किए गए। हालांकि तब से हर साल कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य बदलता गया। रेलवे अधिकारियों की उपेक्षा के साथ ही बजट, कोरोना एवं बारिश ने भी इस परिचायोजना को समय पर पूरा नहीं होने दिया। यही वजह है कि छह साल बाद भी छिंदवाड़ा के लोगों को जबलपुर तक ट्रेन सुविधा नहीं मिल पाई। अब तक नैनपुर से जबलपुर तक कुल 125 किमी रेलमार्ग का कार्य पूरा हो चुका है। मार्च 2021 में नैनपुर से भोमा एवं छिंदवाड़ा से चौरई तक का कार्य भी पूरा हो चुका है। इन दोनों ही सेक्शन का कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) ने मार्च माह में ही निरीक्षण किया था और ट्रेन परिचालन को लेकर हरी झंडी भी दे चुके हैं। यह बात अलग है कि इस सेक्शन में अभी तक ट्रेन का परिचालन शुरु नहीं हुआ है।



कमियों को पूरा कर रहा विभाग
सीआरएस ने छिंदवाड़ा से चौरई रेलमार्ग को अप्रूव करने के साथ ही कुछ कमियों को भी बताया था। जिसे गेज कन्वर्जन विभाग पूरा करने में लगा हुआ है। सीआरएस ने रेलमार्ग पर अधिकतम 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की अनुमति दी है। वहीं एक माह तक रेगुलर ट्रेन चलने पर रेलवे उच्च अधिकारी स्पीड बढ़ाने को लेकर भी निर्णय ले सकेंगे। इसके अलावा सीआरएस ने ब्रिज नंबर-262, 264 और 280 को छह माह रेलवे के सिविल इंजीनियरिंग के आब्जर्वेशन में रखने, इन ब्रिजों पर छह माह तक ट्रेन अधिकतम 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने को कहा है।

अभी यह स्थिति
जबलपुर, नैनपुर, सिवनी होते हुए छिंदवाड़ा तक रेलमार्ग के कार्य में जबलपुर से नैनपुर एवं नैनपुर से भोमा एवं दूसरी तरफ छिंदवाड़ा से चौरई तक रेलमार्ग का कार्य पूरा चुका है। अब केवल भोमा से सिवनी एवं सिवनी से चौरई तक का कार्य शेष है। इसमें भी लगभग 60 प्रतिशत कार्य पूरा हुआ है। शेष कार्य पूरा होने में सात माह तक का समय लगेगा।

इनका कहना है...
चौरई से भोमा तक लगभग 65 प्रतिशत कार्य हो चुका है। मौसम खुल रहा है। शेष कार्य दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। ट्रैक लिंकिंग का कार्य चल रहा है।
मनीष लावनकर, डिप्टी सीई, गेज कन्वर्जन विभाग

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