>>: Digest for June 29, 2022

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Table of Contents

छिंदवाड़ा। करीब दो वर्ष पूर्व प्रकाश में आए नौ करोड़ रुपए के घोटाले में 80 आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है। मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद से यह मामला पूरी तरह से ठंडे बस्ते में है।

उल्लेखनीय है कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की कृषि शाखा में नौ करोड़ रुपए का गबन हुआ था। मुख्य आरोपी संविदा पर कार्य करने वाला वर्धमान सिटी निवासी कृष्णा साहू था। जांच के बाद बैंक के अन्य अधिकारियों को भी घोटाले में लिप्त पाया गया और इसी के आधार पर उनके खिलाफ भी आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया।

इस मामले को दो वर्ष से अधिक हो चुके हैं, लेकिन अभी तक 80 आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है। ये वे लोग हैं जिनके खातों में गबन की राशि का कुछ हिस्सा स्थानांतरित किया गया है। पुलिस की तमाम जांच और कार्रवाई पूरी होने के बाद भी इन पर कार्रवाई न होना समझ से परे है। वहीं अभी तक इस प्रकरण में आरोपियों से कितनी राशि की वसूली हुई है, इसका भी खुलासा नहीं हुआ है। आम जनता के रुपए की बंदरबांट करने वाले अभी खुलेआम घूम रहे हैं।

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की कृषि शाखा के ऑडिट, स्पेशल ऑडिट और तमाम जांच के बाद पुलिस को दस्तावेज सौंपे गए थे। इस प्रकरण में पुलिस ने फिर अपने स्तर से जांच की, जिसके बाद सौ लोगों को आरोपी बनाया था। इनमें से मुख्य आरोपियों को कुछ ही दिनों में हिरासत में ले लिया था। बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों पर अपराध दर्ज होने के बाद उन्हें निलम्बित कर दिया गया। यह छिंदवाड़ा के सबसे चर्चित घोटालों में से एक है।

 

सौ लोगों को बनाया गया था आरोपी

जांच रिपोर्ट में संदेहियों के नाम मिले हैं। पुलिस अपने स्तर पर अब जांच करेगी कि जिनके नाम दिए गए हैं वे प्रकरण में किस हद तक शामिल हैं। उनके खातों में राशि डाली तो उन्हें जानकारी है भी या नहीं।

-सुमेर सिंह जगेत, टीआइ, कोतवाली

छिंदवाड़ा/अमरवाड़ा. विकास खंड की ग्राम पंचायतों में हुए चुनाव में सरपंचों के परिणाम के आधार रूझान सामने आ रहे है। जिसमें राफा में सरपंच पद के रोचक मुकाबले में जनपद अध्यक्ष रही कैलाशवती पंद्राम अपनी नजदीकी प्रत्याशी प्रीति सरयाम से हार की कगार पर बताई जाती है।
इसी तरह ग्राम पंचायत पुरतला में प्रीति अपने प्रतिद्वंदी सुनीता भलावी से बढ़त बनाए हुए है। ग्राम पंचायत मरका वाडा से शंकर लाल धुर्वे, ग्राम पंचायत घोघरी से धनपाल शाह अपने निकटतम प्रतिद्वंदी से बढ़त बनाए हुए है। ग्राम पंचायत तेंदनी माल से हीरामन धुर्वे, चंदनगांव से धनाराम इनवाती, ग्राम पंचायत भाजीपानी से आशीष तेकाम सरपंच, पत्थरकटी से प्रेम कुमारी अजीत सरयाम की जीत तय मानी जा रही है। इसी तरह ग्राम पंचायत रिछेड़ा से सरपंच पद के लिए अनुराधा अमित उईके, हिर्री में संजय ऊईके व ग्राम पंचायत कूदवारी से रामेश्वर पटेल बढ़त बनाए हुए है। ग्राम पंचायत केकड़ा से राकेश इनवाती के प्रति मतदाताओं का रूझान दिखाई दिया। ग्राम पंचायत सेजा में गंगाराम डेहरिया 2 मतों की बढ़त बनाए हुए है इसकी घोषणा अभी होने की है। ग्राम पंचायत घाट सालीवाड़ा के राम कुमार मरकाम, लिंगपानी से रमता राजा चंद्रवंशी बढ़त बनाए है।
जिला पंचायत सदस्य : जिला पंचायत के क्षेत्र क्रमांक पांच से भाजपा समर्थित लेखवती चैनसुख वर्मा की जीत तय मानी जा रही है। वहीं क्षेत्र क्रमांक 6 से कांग्रेस समर्थित चंपालाल कुरचे बढ़त बनाए हुए है।
जनपद पंचायत सदस्य : अमरवाड़ा जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक तीन से मंत लाल परतेती, सात से चैन वती, दस से दुरजनिया रूपलाल मसराम, 11 महेश कुमार, 12 सुरेंद्र कुमार, क्षेत्र क्रमांक 13 उमा संतोष वर्मा ,14 रामू वर्मा ,15 शांति मनोज सिंगारे ,16 निलेश कंगाली,17 संगीता उईके ,18 लल्ला सुभाष चंद चंद्रवंशी बढ़त बनाए हुए है।

अमरवाड़ा में 84.47 प्रतिशत मतदान

अमरवाड़ा. क्षेत्र में शनिवार को हुए पंचायत निर्वाचन में 84.47 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। मतदान का समय सुबह 7 बजे से 3 बजे तक था। मतदाता अधिक होने से टोकन देने के बाद शाम तक मतदान जारी रहा। इसके बाद रात्रि 12 बजे तक मतों की गिनती चलती रही। निर्वाचन अधिकारी छवि पंत ने बताया है कि अमरवाड़ा विकास खंड में कुल मतदाता 1 लाख 8616 हैं। शनिवार को हुए मतदान में 47,254 पुरुषों तथा 44,805 महिलाओं सहित कुल 92 हजार 60 मतदाताओं ने वोट डाले। पंत ने बताया पंच ,सरपंच व जनपद सदस्यों के मतपत्रों का सारणी करण किया गया। परिणाम की घोषणा 14 जुलाई को होगी।

बांकामुकासा में अंकिता, सिंगोड़ी में कपिल आगे
सिंगोड़ी. ग्राम पंचायत बांका मुकासा में भाजपा मंडल अध्यक्ष की पत्नी अंकिता सोनू सरसवार सरपंच की रेस में आगे हैं। इधर आदिवासी सीट सिंगोड़ी में कपिल ठाकुर को बढ़त मिली है। यहां आठ उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे।


जनपद पंचायत क्षेत्र क्र. दो में निर्दलीय आगे

झिरपा . जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक दो से देवी प्रसाद पटेल निर्वाचित हुए हैं। ब्रह्मोरी खुर्द ग्राम पंचायत निवासी पटेल का चुनाव चिन्ह झोपडी था। वहीं ग्राम पंचायत झिरपा के सरपंच पर के लिए सुनील मर्सकोले के प्रति मतदाताओं का रुझान दिखा है। इसी तरह वार्ड एक से राजवती, वार्ड दो मीनाक्षी धुर्वे, वार्ड 4 दीपक राय, वार्ड 5 मुन्नी बाई , वार्ड 6 उदय सिंह, वार्ड 7 रमेश राय, वार्ड 11 सिमरती मर्सकोले, वार्ड 12 आरती डेहरिया, वार्ड 13 नीतू मर्सकोले, वार्ड 14 से देवी सिंह ठाकुर, वार्ड 15 राकेश राय , वार्ड 16 शकुन बाई, वार्ड 17 से कलिया बाई पंच के लिए बढ़त बनाए हुए है।

छिंदवाड़ा/परासिया. नागद्वारी मेले के आयोजन को लेकर कोयलांचल के श्रद्धालु काफी उत्साहित हैं। दस दिनों तक चलने वाले इस मेला में शामिल होने के लिए लम्बी और कठिन यात्रा को पूरा कर श्रद्धालु पहुंचते हैं। वहीं वापसी में एक माह तक कठिन विधि को अपनाते हैं, जिसमें अपने हाथ का बना भोजन ही करते और जमीन पर सोते हैं। नागपंचमी के अवसर पर पचमढ़ी में लगने वाला दस दिवसीय मेला इस बार 25 जुलाई से 3 अगस्त 22 तक होगा। कोरोना संक्रमण के चलते गत दो साल से मेला आयोजन प्रतिबंधित रहा है।
मेला आयोजन तिथि की घोषणा महादेव मेला समिति पचमढ़ी नर्मदापुरम् के अध्यक्ष पदेन अपर कलेक्टर. विकास ने किया है। सतपुड़ा की सबसे बड़ी पहाड़ी श्रंख्लाओं के बीच सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी के अवसर पर प्रसिद्ध और नागद्वार मंदिर के द्वार वर्ष में सिर्फ एक बार एक दिन के लिए खुलेंगे। सबसे दुर्गम नागलोक के दर्शन की यात्रा में शामिल होने आस्था, साहस धैर्य और दमखम जरूरी है। प्राकृतिक नजारों और जोखम के बीच लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक महाराष्ट्र और मप्र के सेवा मंडल अपनी सेवाएं देते हुए भंडारा पंडाल और विश्राम स्थल उपलब्ध करवाने की संभावना है। घने जंगल और खतरनाक पहाडिय़ों के बीच से नागद्वारी की कठिन यात्रा में हजारों की संख्या में भक्तजन पहुंचतेे हैं।
सतपुड़ा रिजर्व फॉरेस्ट द्वारा नागदेव मेला के लिए पंद्रह दिनों की अनुमति देता हैए जिसमें पहले पांच दिन सेवा मंडलों द्वारा नागद्वार मेला स्थल और उसके मार्ग में यात्रियों की सुविधा व्यवस्था जुटाने और भंडारा संचालन की तैयारी होती है। नागपंचमी के दूसरे दिन से वापसी प्रारंभ हो जाती है।

छिन्दवाड़ा/परासिया. न्यूटन- चिखली सीएमओ ने एक कर्मचारी पर विभागीय जानकारी अनाधिकृतों को उपलब्ध करवाने, लगातार प्रशासन के खिलाफ उच्चाधिकारियों से शिकायत करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इससे पहले इसी कर्मचारी ने सीएमओ के खिलाफ अनुबंध पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए उच्चाधिकारियों से शिकायत की थी ।सीएमओ अजय ठाकुर ने नोटिस जारी कर कर्मचारियों को समस्त मामले में लिखित जवाब प्रस्तुत करने के लिए तीन दिनों का समय दिया है। नोटिस में नप की जानकारी दूसरों को देने, कत्र्तव्य पालन में लापरवाई और प्रशासन के खिलाफ लगातार शिकायतेें करने का आरोप लगाया गया है। वहीं शिकायतकर्ता मोनू इरपाची ने आरोप लगाया कि हम तीन भाई जुलाई 16 से पदस्थ हैं।दिसम्बर 21 से हम दो भाइयों को कुशल का वेतन दिया, किन्तु एक भाई को अद्र्धकुशल का वेतन दे रहे हैं। अनुबंध अनुसार हम तीनों भाइयों को अकुशल कर्मचारी के रूप में काम पर रखा गया है। मोनू ने गत एक जुलाई 21 से 4 अगस्त 21 तक अर्जित अवकाश लिया,किन्तु मांग होने पर मेडिकल सर्टिफिकेट उपलब्ध करवाया। जिसका भुगतान नहीं हुआ है। वहीं जनवरी 19 से सितम्बर 21 के बीच अकुशल का भी वेतन भुगतान नहीं किया गया। मामले को लेकर 18 जून 22 को नगरीय निकाय में शिकायत की गई।अनुबंध पर मिली है नौकरी : न्यूटन चिखली की पेंचनदी में डैम बना व आनेजाने का रास्ता और पाइपलाइन विस्तार कार्य निजी जमीन पर हुआ। जिसके लिए भूस्वामी से हुए अनुबंध के अनुसार उसके तीन बेटों को निकाय में अकुशल मजदूर के रूप में काम पर रखा। उनके खेत स्थित निवास पर पानी, बिजली की व्यवस्था बनाई जाएगी, किन्तु ऐसा नहीं होने पर शिकायत की गई।

छिंदवाड़ा. आषाढ़ माह गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ गुरू पुष्य नक्षत्र एवं सिद्धि योग में 30 जून से होगा। यह नवरात्रि पूरे नौ दिन के रहेगी। आठ जुलाई भड़ली नवमी के दिन अबूझ मुहूर्त के साथ गुप्त नवरात्री का समापन होगा। नवरात्रि का पावन त्योहार आदिशक्ति मां दुर्गा को समर्पित माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साल भर में कुल चार नवरात्रि आते हैं। जिसमें से दो चैत्र व शारदीय और दो गुप्त नवरात्रि होती है। आषाढ़ मास में पडऩे वाले नवरात्रि को आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धुम्रावती, मां बंगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है। इस साल गुप्त नवरात्रि बेहद शुभ संयोग में शुरू हो रहे हैं। गुप्त नवरात्रि के पहले दिन ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति इस दिन का महत्व बढ़ा रही हैं। इस वर्ष आषाढ़ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ 29 जून को सुबह 8.22 से प्रारंभ होकर दूसरे दिन सुबह 10.49 तक यह तिथि रहेगी। सूर्य उदया तिथि की प्रधानता होने के कारण आषाढ़ शुक्ल पक्ष गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ 30 जून से माना जाएगा।

बन रहे हैं ये खास योग
पंडित के अनुसार इस वर्ष गुप्त नवरात्रि के दिन पुष्य नक्षत्र एवं गुरू पुष्य योग बन रहा है। इसके साथ-साथ सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग सहित अन्य योग है। इन शुभ योगों के कारण गुप्त नवरात्रों का महत्व और अधिक बढ़ गया है। नौ दिनों में कोई भी तिथि का कम या ज्यादा न होने के कारण गुप्त नवरात्रि पूरे नौ दिन के होंगे।

इसलिए मनाया जाता है गुप्त नवरात्रि
पंडितों के अनुसार नवरात्र सामान्य जनों के लिए होते हैं, जबकि गुप्त नवरात्र संतों और साधकों के लिए विशेष माने गए हैं। गुप्त नवरात्र साधना की नवरात्रि मानी गई है। इसलिए खास तरह की पूजा और साधना का यह पर्व होता है। गुप्त नवरात्र में विशेष पूजा से कई प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है। इस दौरान 10 महाविद्याओं की पूजा आराधना की जाती है। प्रत्यक्ष नवरात्र में मां नव दुर्गा के स्वरूपों की पूजा संपन्न होती है। वही गुप्त नवरात्रों में 10 महाविद्याओं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्तिका, त्रिपुरा भैरवी, मां धूमावती, बगलामुखी मातंगी, कमलादेवी की पूजा करने का विधान है।

इच्छाओं की पूर्ति के लिए की जाती है पूजा
प्रत्यक्ष नवरात्र में सात्विक, साधना, नृत्य उत्सव मनाए जाते हैं, जबकि इसके विपरीत गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक, साधना और कठिन व्रत का महत्व होता है। प्रत्यक्ष नवरात्रि के दौरान संसार की इच्छाओं की पूर्ति के लिए पूजा आराधना की जाती है, जबकि गुप्त नवरात्रों को आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति सिद्धि व मोक्ष के लिए संपन्न की जाती है।

छिंदवाड़ा. मिठाई दुकानों में फूड सेफ्टी के नियम दरकिनार कर दिए गए हैं। मिठाई दुकानों में सजाकर रखी मिठाइयों में उसे सुरक्षित उपयोग की तारीख की जानकारी ग्राहकों को नहीं दी जा रही है। दुकानदारों नियमों की अनदेखी कर धड़ल्ले से बासी मिठाई बेच रहे हैं। बड़ी बात यह है कि वे मिठाई की ट्रे या पैकेट पर बेस्ट बिफोर डेट भी अंकित नहीं कर रहे हैं, जबकि दो साल पहले इसे अनिवार्य कर दिया गया है। हैरानी की बात यह है कि इन दुकानों पर कार्यवाही करने वाले जिम्मेदार भी नदारद हैं। अन्जाने में लोग बासी मिठाई खरीद रहे हैं। उसे खाकर लोग बीमार पड़ रहे हैं। अस्पताल में प्रतिदिन लोग अपच, पेट दर्द, दस्त और आंतों में संक्रमण की शिकायत लेकर आ रहे हैं। गुलाबरा निवासी राकेश प्रजापति ने बताया कि त्योहार के आते ही खाद्य सुरक्षा विभाग सक्रिय हो जाता है। दशहरा, दिवाली में हर जगह सेम्पल लिए जाते हैं और कार्यवाही की जाती है, लेकिन इसके बाद जिम्मेदार विभाग कार्यवाही करना भूल जाता है। ऐसे में हलवाइयों के हौंसले बुलंद हो जाते हैं। इस समय शहर में अधिकतर मिठाई दुकानों में नियम का पालन नहीं हो रहा है। शहर में हलवाई मिठाई में न तो बेस्ट बिफोर डेट दर्ज कर रहे हैं और न ही एक्सपायरी डेट का उल्लेख। जबकि मिठाई के उपयोग को सुरक्षित बनाने के लिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने मिठाई की ट्रे या पैकेट पर बेस्ट बिफोर डेट अंकित करना अनिवार्य किया था।


वर्ष 2020 में लागू हुआ था नियम
राष्ट्रीय स्तर पर खाद्य सुरक्षा को लेकर नियम, कानून लागू करने वाली संस्था भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने एक अक्टूबर 2020 से मिठाई के डिब्बों पर एक्सपायरी डेट या फिर बेस्ट बिफोर डेट लिखना अनिवार्य कर दिया है। कुछ दिन इस नियम का पालन शहर के मिठाई दुकानदारों ने किया। जिन्होंने नहीं किया उन पर खाद्य विभाग ने कार्यवाही की। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया और मिठाई दुकानदार मनमानी करने लगे। वर्तमान में हालत यह है कि अधिकतर दुकान एक्सपायरी डेट नहीं लिख रहे हैं।


कई लोगों को जानकारी ही नहीं
पत्रिका ने जब मामले की पड़ताल की तो कुछ दुकानदारों का कहना था कि उन्हें इसके बारे में पता ही नहीं है। हालांकि शहर में कुछ दुकानदारों ने कहा कि मिठाई ताजा है कुछ देर बाद पर्ची लगा देंगे।

जिले में 6 सौ से अधिक दुकान
जिले में लगभग छह सौ मिठाई की दुकान हैं। इसमें से महज 50 दुकानों में ही मिठाई की ट्रे या पैकेट पर बेस्ट बिफोर डेट अंकित किया जा रहा है। शेष दुकानदार नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।


होता है संक्रमण का खतरा
मेडिकल कॉलेज में पदस्थ एमडी मेडिसिन डॉ. संदीप जैन ने बताया कि मिठाई पुरानी होने पर उसमें फंगस होने लगती है। ऐसी मिठाई खाने पर संक्रमण का खतरा रहता है। ज्यादा पुरानी मिठाई के सेवन के बाद फरमेंटेंशन के दौरान शरीर में बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं। पेट, आंतों में समस्या हो सकती है। फूड प्वाइजनिंग की आशंका रहती है। बासी खाद्य सामग्री बच्चों को जल्दी नुकसान पहुंचाती है। उनकी इम्युनिटी कम होती है।

इनका कहना है...
दुकानों की समय-समय पर जांच की जाती है। समझाइश भी दी गई थी। अगर दुकानदार नियम का पालन नहीं कर रहे हैं जो जांच कर कार्यवाही की जाएगी।

पुरुषोत्तम भदौरिया, खाद्य सुरक्षा अधिकारी

छिंदवाड़ा. रविवार को मानसून की पहली तेज बारिश में पूरा शहर पानी-पानी हो गया। बारिश के साथ ही बादल भी खूब गरजे। जिससे घरों में बच्चे, बुजुर्ग सहम गए। दोपहर तीन बजे से लगभग दो घंटे झमाझम बारिश ने नगर पालिका निगम की पोल खोलकर रख दी। मौसम विभाग ने छिंदवाड़ा विकासखंड में 105.8 एमएम बारिश(4 इंच) दर्ज की है। भारी बारिश की वजह से नीचली बस्तियों में घरों में पानी घुस गया। भरतादेव रोड, पुराना बैल बाजार, सुकलुढाना, पातालेश्वर क्षेत्र सहित अन्य जगहों पर अव्यवस्था की स्थिति निर्मित हुई। ऐसे में लोग घर से नहीं निकल पाए। शहर में जगह-जगह जलभराव होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इससे पहले रविवार सुबह तेज धूप का लोगों को सामना करना पड़ा। इसके बाद दिन भर धूप छांव की आंख मिचौली चलती रही। दोपहर तीन बजे मौसम बदल गया। आसमान में बादल छा गए और तेज हवा चलने लगी। इसके बाद बूंदाबादी और फिर बादलों की गरज एवं बिजली की चमक के साथ तेज बारिश शुरु हो गई। जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली। शाम 5 बजे के आासपास बारिश कम हुई। वहीं देर रात तक रूक रूककर बूंदाबादी का सिलसिला जारी रहा। रविवार को जिले में पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, अमरवाड़ा सहित अन्य विकासखंड में झमाझम बारिश की सूचना मिली है।

123.9 मिमी बारिश दर्ज
जिले में रविवार सुबह तक 123.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है, जबकि गत वर्ष इस अवधि तक 243.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई थी। जिले में 26 जून को सुबह 8 बजे समाप्त 24 घंटों के दौरान 0.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। हालांकि रविवार शाम को हुई बारिश के बाद आंकड़ा काफी बढ़ जाएगा। पूरी स्थिति सोमवार को ही क्लियर होगी।

छिंदवाड़ा. राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय, छिंदवाड़ा ने बीते दिनों स्नातकोत्तर के विभिन्न सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम घोषित किए हैं। जिसमें सैकड़ों विद्यार्थी दो से अधिक विषय में फेल हो गए हैं। बड़ी बात यह है कि फेल होने वाले विद्यार्थियों में न सिर्फ छिंदवाड़ा जिले के बल्कि विश्वविद्यालय से संबद्ध सिवनी, बालाघाट, बैतूल के भी शामिल हैं। कुछ कॉलेजों में तो स्थिति ऐसी है कि 100 में से 80 विद्यार्थी फेल हो गए हैं। नियम के अनुसार अगर विद्यार्थी दो से कम विषय में फेल होता है तो उसे उस विषय में एटीकेटी दे दी जाती है और वह दूसरे सेमेस्टर में प्रोन्नत हो जाता है, लेकिन अगर दो से अधिक विषय में फेल होता है तो उसे उसी सेमेस्टर में पढऩा होगा। गौरतलब है कि कोविड की वजह से मार्च 2019 में कोरोना की पहली लहर की वजह से कॉलेज बंद हो गए। इसके बाद विद्यार्थियों को घर पर ही रहकर अध्यापन करना पड़ा। विद्यार्थियों को एक साल पिछले कक्षा में प्राप्त अंक एवं अन्य नियमों के आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश दे दिया गया। इसके बाद कोरोना के हालात कुछ सामान्य हुए तो ओपन बुक पद्धति से परीक्षा आयोजित हुई। ऐसे में विद्यार्थियों को शैक्षणिक माहौल नहीं मिल पाया। कॉलेज में अध्यापन कार्य न होने से शिक्षा का स्तर भी गिर गया। उच्च शिक्षा विभाग ने वर्ष 2022 में विद्यार्थियों की ऑफलाइन मोड में परीक्षा आयोजित करने का आदेश जारी किया। राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय ने फरवरी 2022 में स्नातकोत्तर में विभिन्न सेमेस्टर में अध्ययनरत विद्यार्थियों की ऑफलाइन मोड से परीक्षा आयोजित की। कुछ सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम जून माह में जारी हो गए हैं। जिसमें कई विद्यार्थी फेल हो गए हैं। हालांकि विद्यार्थियों का कहना है कि उन्होंने अधिकतर प्रश्नों को हल किया है। भले ही उन्हें उत्कृष्ट अंक न मिले, लेकिन वे फेल नहीं हो सकते। विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के भविष्य से खेल रहा है। विद्यार्थियों ने उत्तरपुस्तिका का दोबारा मूल्यांकन कराने की मांग की है।

पुनर्गणना का है प्रावधान
शिक्षा से जुड़े जानकारों का कहना है कि सेमेस्टर पद्धति में पूर्न मूल्यांकन का प्रावधान नहीं होता है। विद्यार्थी पूर्नगणना करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें विश्वविद्यालय में आवेदन करना होगा। जिसमें पैसे खर्च होंगे।


मंत्री ने दिए थे निर्देश
बताया जाता है कि फरवरी में उच्च शिक्षा विभाग मंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से विश्वविद्यालय एवं कॉलेज प्राचार्य से संवाद किया था। कहा था कि कोविड के बाद पहली बार कॉलेजों की ऑफलाइन परीक्षा हो रही है। इसलिए मूल्यांकन ऐसा करें कि विद्यार्थियों का भविष्य खराब न हो। इसके बावजूद भी अधिक संख्या में विद्यार्थियों को फेल कर दिया गया।

इनका कहना है...
काफी संख्या में विद्यार्थी दो से अधिक विषय में फेल हो गए हैं। मैंने विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद की बैठक आयोजित की थी। जिसमें यह निर्णय लिया गया कि जो शासन के नियम है उसी अनुसार कार्य किया जाए। वहीं कॉलेज प्राचार्य एवं विद्यार्थियों के साथ भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग में चर्चा की गई। विश्वविद्यालय विशेष प्रावधान के लिए उच्च शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेज रहा है। मार्गदर्शन मिलने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।

डॉ. एमके श्रीवास्तव, कुलपति, आरएसएस विश्वविद्यालय, छिं.


छिंदवाड़ा. राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय, छिंदवाड़ा की धीमी प्रक्रिया की वजह से कॉलेज विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विश्वविद्यालय ने अब तक कोविड से संक्रमित हुए विद्यार्थियों की परीक्षा आयोजित नहीं की है। ऐसे में विद्यार्थियों का भविष्य बर्बाद हो रहा है। दरअसल उच्च शिक्षा विभाग ने जनवरी 2022 में सभी विश्वविद्यालय को ऑफलाइन मोड में परीक्षा आयोजित करने के निर्देश दिए थे। साथ ही यह भी कहा था कि अगर कोई विद्यार्थी कोरोना संक्रमित है तो उसके लिए बाद में परीक्षा आयोजित किया जाएगा। इसके लिए विद्यार्थियों को कॉलेजों में आवेदन देना होगा। फरवरी 2022 में विद्यार्थियों की परीक्षा आयोजित हो गई, लेकिन अब तक कोरोना से संक्रमित रहे विद्यार्थियों की परीक्षा को लेकर विश्वविद्यालय ने कोई निर्णय नहीं लिया है। बताया जाता है कि विश्वविद्यालय से संबद्ध सिवनी, बालाघाट, बैतूल एवं छिंदवाड़ा जिले में ऐसे सैकड़ों विद्यार्थी हैं जो कोविड से ग्रसित थे और विश्वविद्यालय के लेटलतीफी की वजह से परेशान हैं। बताया जाता है कि उच्च शिक्षा विभाग ने फरवरी माह में ही ऐसे विद्यार्थियों की दस दिन के अंदर परीक्षा आयोजित करने को कहा था, लेकिन विश्वविद्यालय ने उस पर ध्यान अब तक नहीं दिया है। इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एमके श्रीवास्तव का कहना है कि जल्द ही ऐसे विद्यार्थियों की परीक्षा आयोजित की जाएगी।


गल्र्स कॉलेज छात्राओं ने सौंपा ज्ञापन
छिंदवाड़ा. राजमाता सिंधिया गल्र्स कॉलेज की एमए-हिन्दी चतुर्थ सेमेस्टर की छात्राओं ने सोमवार को छात्र नेता रेशमा खान के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपकर उत्तरपुस्तिकाओं के पूर्न मूल्यांकन की मांग की। छात्राओं का कहना था कि उन्होंने तृतीय सेमेस्टर में एटीकेटी परीक्षा दी थी। बीते दिनों परीक्षा परिणाम विश्वविद्यालय में जारी किया है जिसमें हमें फेल कर दिया गया है। छात्राओं ने उत्तपुस्तिकाओं के पुर्न मूल्यांकन की मांग की है।

छिंदवाड़ा. मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एक अनोखी घटना हुई। यहां के एक पुराने कुएं से पानी निकालने के लिए लोगों की भीड़ लग गई. हैरान करने वाला यह मामला ग्राम सिंगोड़ी का है जहां के सालों पुराने कुएं का पानी लेने के लिए लोगों में होड़ जैसी लग गई. दरअसल कुएं से एकाएक गरम पानी निकलने लगा था. जैसे ही यह बात फैली कुएं के पास गांववालों की भीड़ लग गई. लोग इसे आस्था से जोड़कर देखने लगे और बाल्टियों व बोतलों में पानी भरकर घर ले गए।

सिंगोड़ी स्थित यह कुआं करीब 300 साल पुराना बताया जा रहा है। पुराने कुएं से गर्म पानी निकलने की बात जैसे ही फैली वैसे ही लोगों का हुजूम लगने लगा। देखते ही देखते यहां भीड़ लग गई। लोग इसे चमत्कार का नाम देने लगे। कई लोगों ने कुएं से निकला गर्म जल अपने शरीर पर छिड़क लिया. कई ग्रामीण यह पानी बोतलों में भरकर अपने घर भी ले गए। कुएं से एकाएक गर्म जल क्यों और किस कारण से निकलने लगा इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है।

जानकारी के अनुसार सिंगोड़ी में एक कबीरबाड़ा है जोकि कबीर पंथ गुरु की जीवित समाधि स्थल है. इसी से लगा हुआ एक पुराना कुआं है। बताते हैं कि कुएं से पिछले कुछ दिनों से गुनगुना पानी निकल रहा था लेकिन सोमवार रात इससे बहुत गर्म पानी निकलने लगा। इतना ही नहीं, कुएं के अंदर बुलबुले दिखाई देने लगे और भाप भी निकलने लगी।

यह खबर सुनते ही लोग कबीरबाड़ा पहुंचने लगे और कुएं से निकले जल को स्पर्श कर उसके गर्म होने की पड़ताल करने लगे। लोग इसे जीवित समाधि स्थल का चमत्कार मानते हुए अपने शरीर पर भी छिड़कने लगे. यहां उपस्थित कुछ लोगों ने भूगर्भीय हलचल के कारण पानी गरम होना करार दिया. अब कुएं से अचानक गर्म पानी निकलने की भूगर्भ वैज्ञानिकों द्वारा जांच की बात कही जा रही है।

छिंदवाड़ा/पांढुर्ना. इलाके में रविवार को हुई तेज बारिश के कारण कई जगह बिजली लाइन के तार टूट गए। वहीं आकाशीय बिजली गिरने से इन्सुलेटर सहित ट्रांसफार्मर पर लगे डीयू फट गए । कई गांवों में बिजली गुल हो गई। रविवार शाम से लेकर सोमवार रात तक बिजली गुल रही।
जानकारी के अनुसार केंद्रीय विद्यालय में बिजली आपूर्ति ठप होने से विद्यार्थियों को गर्मी से जूझते हुए पढ़ाई करनी पड़ी। धनोरा विद्युत वितरण क्षेत्र में 33 केवी लाइन को नुकसान पहुंचा। लगभग 18 इन्सुलेटर फट गए। कई खंभे टूट गए। रविवार रात से सोमवार पूरे दिन कर्मचारी विद्युत व्यवस्था बहाल करने में जुटे रहे। जाटलापुर सेक्शन में भी यही हाल रहा। ग्रामीण फीडर में नीलकंठ के आगे व टाउन फीडर में शनि मंदिर के पास लाइन पर पेड़ गिर गए। यहां 8 इन्सुलेटर फ ट गए।

 

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IMAGE CREDIT: patrika

खेतों में बीज सहित मिट्टी बही
पांढुर्ना. अंबाड़ा के पास रायबासा में रविवार रात हुई भारी बारिश से खेतों की मिट्टी बह गई। खेतो में डाला गया बीज भी बह गया। सुबह जब किसान खेतों में पहुंचे तो वहां की हालत देख रोना आ गया। रायबासा के रोशन पानसे ने बताया कैलाश कामडी, लक्ष्मण लोनारे, विजय परिहार सहित उसके खुद के खेत में भी मिट्टी बह जाने से बीज खराब हो गया। हाल ही में क्षेत्र में बोवनी की गयी थी। अच्छी बारिश की आस लगाए बैठे किसान बीज से अंकुरण की राह देख रहे थे, लेकिन रविवार रात हुई भारी बारिश ने किसानों की मेहनत को बर्बाद कर दिया। किसानों ने नुकसान का सर्वे करा मुआवजे की मांग की है।

पहली बारिश में ही गहरानाला में लगा जाम

छिंदवाड़ा/रामाकोना. नागपुर- छिंदवाड़ा मार्ग स्थित गहरानाला पर पांच साल से बन रहे पुल का निर्माण अब तक पूरा नहीं होने से पहली बारिश में ही यहां जाम की स्थिति बन गई है। रविवार को हुई बारिशसे गहरानाला उफान पर आ गया। नागपुर -छिंदवाड़ा मार्ग पर लगभग 2 घंटे जाम लगा रहा।
गहरानाला पर सडक़ जाम होने की खबर मिलते ही सौंसर थाना प्रभारी आरआर.दुबे व पुलिस मौके पर पहुंच गई व व्यवस्थाएं संभाली। उल्लेखनीय है कि रामाकोना के निकट गहरानाला पुलिया 13 अगस्त 2015 को भारी बरसात के कारण बह गई थी। 22 अप्रैल 2016 की दोपहर को नवनिर्मित पुलिया भी बैठ गई। एक साल बाद पुल निर्माण शुरू हुआ जो अब अंतिम चरण में है। हर साल मानसून के दौरान भारी बारिश के चलते नाले पर जाम लगता है । यहां वैकल्पिक व्यवस्था के तहत बनी सडक़ से आवागमन होता है।

pillars fell somewhere, broken wires
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मानसून में जरा सी लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है। शहरों में खुले पड़े नाले और शहरों में मरम्मत के अधूरे काम जानलेवा हो सकते हैं। शहरों में मानसून से पहले तक सडक़ों पर गड्ढे भी हादसों को बढ़ाते हैं। मानसून की शुरुआती बारिश में ही शहरों में ऐसे मामले सामने आने लगे हैं। यह हाल प्रदेश के लगभग सभी शहरों में एक सा है, सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में सडक़ पानी पानी हो गई तो सबसे नियोजित शहरों में शामिल छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय का हाल भी ऐसा ही रहा। यहां 2 घंटे की बारिश ने नगर निगम की व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर दिया। तेज बारिश ने चाक-चौबंद दावों की पोल खोल दी। कई जगह यातायात अवरुद्ध हो गया। निगम प्रशासन ने मानसून से पहले ही डायवर्शन रोड का काम पूरा करने का दावा किया, लेकिन समय पर पुलिया नहीं बन सकी। लेटलतीफी अकेले छिंदवाड़ा तक ही सीमित नहीं है। प्रदेशभर में जर्जर और क्षतिग्रस्त पुल-पुलियाओं की संख्या हजारों में है।

मानसून से पहले लोक निर्माण विभाग सूची तैयार करता हैं। सुरक्षा और निगरानी के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है, लेकिन आदेश कागजों तक सीमित रहते हैं। छिंदवाड़ा में तो डायवर्सन मार्ग बहने के बाद भी न विभाग के कर्मचारी नजर आए और न पुलिसकर्मी। प्रतिवर्ष ऐसे हादसों में असमय कई जान जाती है फिर भी जिम्मेदारों की नींद नहीं खुलती। आम लोग भी जागरूकता का परिचय नहीं देते। जर्जर पुल-पुलिया से सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण इलाकों में होती है। अतिवृष्टि से यातायात बंद हो जाता है। गांव टापू में तब्दील हो जाते हैं। बीमार पडऩे पर समय से अस्पताल पहुंचने में समस्या आती है। कई बार उफनते नदी-नाले पार करने पड़ते हैं। फिर भी मानसून से पहले पुल-पुलियाओं के निर्माण की कार्ययोजना नहीं बनाई जाती। हादसे होने के बाद अफसरों की नींद टूटती है।

यदि समय रहते ध्यान दिया जाए तो आमजन को परेशानी से बचाया जा सकता है। हादसों को रोका जा सकता है। आमजन को भी जोखिम भरे स्थानों से आवागमन करने से बचना चाहिए। जल्दबाजी में जान भी जा सकती है। पुलिस और प्रशासन को निगरानी पर फोकस करना चाहिए। जर्जर पुल और पुलियाओं के दोनों किनारों पर सूचना बोर्ड लगा देना चाहिए। अतिवृष्टि की स्थिति बनने पर यातायात पूरी तरह बंद कर देना चाहिए।

छिंदवाड़ा/सौंसर. जिला, जनपद व ग्राम पंचायत के एक जुलाई को होने वाले चुनाव में प्रत्याशी दिनरात मेहनत कर रहे हैं। मतदाताओं को रिझाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। गांवों में भी जिला पंचायत सदस्य से लेकर सरपंच में जीत-हार की कयासबाजी चल रही है। कई ग्राम पंचायतों में रिश्तेदारों के बीच मुकाबला होने के कारण चुनाव दिलचस्प बना हुआ है। जिला पंचायत क्षेत्र 23 व 24 के कांग्रेस, भाजपा, बसपा, आप, गोंडवाना सहित निर्दलीय प्रत्याशी गांव-गांव पहुंचकर मतदाताओं से आशीर्वाद मांग रहे है। जिला पंचायत 23 में भाजपा समर्थित संदीप मोहोड, कांग्रेस समर्थित अनिल ठाकरे, बसपा से पूनम पगारे, निर्दलीय प्रशांत रामराव महाले, सुमन पातुरकर, देवदास परतेती के बीच मुकाबला है।
जिला पंचायत 24 सीट अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित होने से मुकाबला रोचक बना हुआ है। जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट अनुसूचित जाति महिला के लिए रिजर्व होने के कारन इस सीट से राजनीतिक दल ऐडी चोटी का जोर लगा रहे हैं। कांग्रेस समर्थित नीलिमा नरेंद्र पाटील, भाजपा समर्थित सुनीता आनंद दुफारे, , बसपा प्रमिता दिलावर मोटघरे निर्दलीय पूजा इंगले, विजेता खेमराज सोनेकर, राजकन्या बंसोड, रंजना चौरासे, संगीता डोंगरे चुनाव मैदान में हैं। जनपद पंचायत की 20 सीटों के लिए कुल 75 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है। हर प्रत्याशी चुनाव जीतने की जोड़ तोड़ में लगा है।
मतदान केंद्र का स्थान बदलने के लिए सौंपा ज्ञापन
जुन्नारदेव. ग्राम पंचायत ढाकरवाड़ी की माध्यमिक शाला में बने मतदान बूथ क्रमांक 218 का स्थान बदलने की मांग की गई है। यहां वार्ड 7 से लेकर 10 तक के मतदाता वोट डालेंगे। ग्राम वासियों का कहना है कि यह बूथ पंचायत से काफ ी दूरी पर है। बारिश के दौरान आने जाने में दिक्कत होगी। इसलिए बूथ क्रमांक 218 को सिमरिया सागर के शासकीय माध्यमिक शाला भवन में स्थानांतरित किया जाए। रामप्रसाद यदुवंशी,संजू, सुदामा, जितेंद्र अग्रवाल व ग्रामीणों ने मांग को एसडीएम मधुवंत राव धुर्वे को ज्ञापन सौंपा।

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