>>: Digest for April 12, 2021

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Table of Contents

जबलपुर। शहर में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए नगर निगम और छावनी परिषद जबलपुर की सीमा क्षेत्र में लॉकडाउन की अवधि 22 अप्रेल की सुबह 6 बजे तक बढ़ा दी गई है। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने शनिवार रात को ये आदेश जारी किया। जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में भी इस बात पर सहमति बनी थी। सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक किराना दुकानें खुलेंगी लॉकडाउन में कुछ छूट भी दी जाएगी। सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक किराना दुकान, पोल्ट्री, पशु आहार और आटा चक्की खुली रहेंगी। राशन की होम डिलेवरी भी की जा सकेगी। इसी प्रकार सब्जी मंडी, सब्जी और फल की दुकानें सुबह 4 बजे से सुबह 9 बजे तक खोली जा सकेंगी। सब्जी व फल चलित वाहनों से घर-घर जाकर बेचे जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री की कलेक्टर और जिला आपदा प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ हुई वीसी बैठक में बनी सहमति
आंशिक छूट के साथ 22 अप्रेल की सुबह 6 बजे तक शहर में लॉकडाउन

सीएम ने ली बैठक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कलेक्टर कर्मवीर शर्मा और जिला आपदा प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ हुई वीसी बैठक में लॉकडाउन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया। सदस्यों ने सुझाव दिया कि लॉकडाउन आगे बढ़ाया जाए। विधायक अशोक रोहाणी ने बताया कि सभी की सहमति थी कि कोरोना संक्रमण की चेन को तोडऩे के लिए शहर में लॉकडाउन जरूरी है।

 

Lockdown in Subhashnagar area for the sixth day in bhilwara

लॉकडाउन में इन सेवाओं में मिलेगी छूट
- दवा दुकान, अस्पताल, दूध दुकान, सांची पार्लर, राशन दुकान।
- सभी पेट्रोल पंप व एलपीजी सिलेंडर की होम डिलेवरी।
- खान-पान प्रतिष्ठान बंद रहेंगे लेकिन होम डिलेवरी होगी, होम टिफिन, पार्सल सेवाएं खुली रहेंगी।
- होटल और लॉज में केवल इन रूम डायनिंग व्यवस्था
- औद्योगिक श्रमिक, कच्चा एवं तैयार माल, उद्योगों के अधिकारी व कर्मचारी।
- परीक्षा केंद्रों में आने-जाने के लिए परीक्षार्थी एवं परीक्षा से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी।
- अस्पताल, नर्सिंग होम तथा टीकाकरण के लिए नागरिक व कर्मियों का आवागमन।
- बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट आने-जाने वाले नागरिक।
- आइटी कंपनियां, बीपीओ, मोबाइल कंपनियों का स्टाफ व यूनिट।
- इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मोबाइल रिपेयरिंग करने वाले व्यक्तियों के लिए होम सर्विस।
- केवल वे निर्माण जहां मजदूर निर्माण स्थल पर ही रह रहे हों।
- धर्मिक स्थल पर केवल पुजारी, मौलवी, पादरी व सिक्ख गुरु करेंगे पूजा, अर्चना व इबादत।

प्रशासन आमजन के सामने रखे सही आंकड़े
जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में जबलपुर को लेकर शासन द्वारा पेश किए जा रहे आंकड़ों पर पाटन विधायक अजय विश्नोई ने आपत्ति जताई। उनका कहना था अधिकारी मृत्यु के जो आंकड़े पेश कर रहे हैं, वे हकीकत से उलट हैं। यदि सही जानकारी सामने आएगी तो लोग जागरूक होंगे। रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कमी है लेकिन उसकी कालाबाजारी भी हो रही है। इसे रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाने चाहिए। विश्नोई ने बताया कि उन्होंने जनता की बातें सीएम के सामने मजबूती के साथ रखी हैं।

 

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इन पर रहेगा प्रतिबंध
- आपात कार्य को छोडकऱ बेवजह आवाजाही।
- सामूहिक आरती, जुलूस, पूजा, तकरीर, लंगर, हवन, प्रवचन, प्रार्थना, सामूहिक भोज, भंडारा।
- सभी व्यापारिक और व्यावसायिक प्रतिष्ठान, दुकान, पार्क, स्टेडियम सभी सार्वजनिक गतिविधियां।
- समस्त शासकीय, अर्धशासकीय व अशासकीय कार्यालय के अलावा प्रतिष्ठान।

अत्याश्यक सेवाओं वाले कार्यालय भी खुलेंगे- स्वास्थ्य, पुलिस, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, राजस्व, विद्युत, दूरसंचार, नगर निगम, आपदा प्रबंधन, पेयजल, टेलीकॉम, डाक सेवा, लेखा शाखा, बैंक, एटीएम, कोरोना ड्यूटी।

पूर्व से निर्धारित तिथियों पर विवाह की अनुमति - पूर्व से निर्धारित तिथियों में विवाह समारोह की अनुमति प्रदान की गई है। कार्यपालिक दंडाधिकारी से परमीशन लेना जरूरी होगा। इसमें दोनों पक्षों को मिलाकर केवल 50 लोग शामिल हो सकेंगे।

जबलपुर। शहर में कोरोना इस बार ज्यादा संक्रामक है। यह फेफड़ों और श्वसन तंत्र में आसानी से फैल रहा है। इसकी वजह से निमोनिया हो रहा है, जो कोरोना को और घातक बना रहा है। पहले की तुलना में इस संक्रमण के नए लक्षण भी उभर रहे हैं। हर आयु वर्ग के लोगों को संक्रमण जकड़ में ले रहा है। कोरोना के केस हर दिन बढ़ रहे हैं। जांच में देर और बेड की तलाश में अस्पतालों के चक्कर काटने में मरीजों की हालत और बिगड़ रही है। लगातार गम्भीर मरीज बढऩे से शहर के अस्पतालों में आइसीयू बेड भर गए हैं। रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिलने से गम्भीर मरीज जिंदगी-मौत के बीच जूझ रहे हैं।

पहले के मुकाबले दोगुने संक्रमित
डॉक्टरों का कहना है कि पहली लहर के समय संक्रमण ज्यादा संक्रामक नहीं था। किसी परिवार में एक व्यक्ति के संक्रमित मिलने के बाद उसके सम्पर्क में आए एक-दो व्यक्ति पॉजिटिव मिल रहे थे। प्रारंभिक लक्षण को पहचान कर उपचार लेने से कोरोना की चेन ब्रेक हो रही थी। लेकिन इस बार कोरोना ज्यादा संक्रामक है। जब तक संक्रमण का पता चल रहा है परिवार के दूसरे व्यक्तियों को कोरोना जकड़ ले रहा है। एक घर में 3-4 सदस्य संक्रमित मिल रहे हैं। कोरोना की चेन बन रही है। प्रतिदिन ऐसे मामले में आ रहे जिसमें नए संक्रमित की फस्र्ट कॉन्टेक्ट हिस्ट्री में परिवार के दूसरे सदस्य कोरोना पॉजिटिव होने का पता चल रहा है।

 

funeral

चौहानी में 21 शव का अंतिम संस्कार
चौहानी मुक्तिधाम में शनिवार को 21 शवों का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत हुआ। इसके अलावा कोरोना संदिग्ध शवों का भी अंतिम संस्कार हो रहा है। प्रतिदिन कोरोना संक्रमित और संदिग्ध मृतक की संख्या बढऩे से अब श्मशान में अंतिम संस्कार के लिए जगह कम पड़ रही है।


पिछले वर्ष जैसी तैयारी नहीं
शहर में कोरोना की दूसरी लहर से लडऩे के लिए पिछले वर्ष जैसी तैयारी नहीं है। इस बार ना तो क्वारंटीन सेंटर बनाए गए हैं और ना ही कोरोना संवेदनशील शहरों से आ रहे लोगों को होम क्वारंटीन किया जा रहा है। किसी निजी अस्पताल को अधिगृहित करके कोविड डेडिकेटेड सेंटर भी नहीं है।

टीके की दो डोज के बाद पॉजिटिव
कोरोना के नए स्ट्रेन के ज्यादा संक्रामक होने के कारण कोविड-19 वैक्सीन लगवा चुके व्यक्ति भी जल्दी संक्रमण की जकड़ में आ रहे हैं। शुक्रवार को भी जांच में कोरोना टीका के दो डोज लगवा चुके दो फ्रंट लाइन वर्कर कोविड-19 पॉजिटिव मिले हैं। इन्हें टीके की दूसरी डोज लगने के बाद लगभग एक माह का समय हो चुका था। हालांकि डॉक्टरों का दावा है कि कोरोना टीका लगवा चुके व्यक्तियों के संक्रमित होने पर गम्भीर स्थिति तक नहीं पहुंच रहे हैं। समय पर जांच, आइसोलेशन और उपचार से टीका लगवा चुके मरीज जल्दी स्वस्थ्य हो रहे हैं।

 

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इंजेक्शन के लिए पर्चा लेकर घूम रहे लोग
गम्भीर कोरोना मरीजों के लिए जरूरी रेमेडेसिविर इंजेक्शन की भारी कमी हुई है। शनिवार को मरीजों के परिजन डॉक्टर का पर्चा लेकर इंजेक्शन के लिए दुकानों और अस्पतालों के चक्कर काटते रहे। अस्पतालों को भी भर्ती मरीजों के जरूरत के आधे इंजेक्शन भी नहीं मिलने से उपचार करना मुश्किल हो रहा है।

ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल रहे
एक सप्ताह में कोरोना मरीज की संख्या अचानक बढऩे से ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी हो गई है। होम आइसोलेट संक्रमित को भी सिलेंडर की जरूरत पड़ रही है। मरीजों की संख्या बढऩे से अस्पतालों ने भी दोगुने सिलेंडर स्टोर कर लिए हैं। इससे ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत बन गई है।


ऑक्सीजन की मॉनीटरिंग के लिए टीम गठित
जिले के चिकित्सालयों में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति बनाए रखने के लिए रिछाई औद्योगिक क्षेत्र में स्थित ऑक्सीजन उत्पादन इकाई आदित्य एयर प्रोडक्डस प्राइवेट लिमिटेड में ऑक्सीजन की मानिटरिंग के लिए प्रतिदिन तीन पालियों में पटवारियों की ड्यूटी लगाई गई है। एक रिजर्व दल भी गठित किया गया है। इसकी सतत निगरानी एवं मॉनिटरिंग के लिए एसडीएम रांझी, प्रभारी तहसीलदार रांझी, नायब तहसीलदार रांझी तथा सहायक मॉनिटरिंग अधिकारी अधीक्षक भू अभिलेख को नियुक्त किया गया है। पटवारी प्रतिदिन अपने कार्य की रिपोर्ट उक्त अधिकारियों को प्रस्तुत करेंगे।

जबलपुर। सुरम्यवादियों, शिलाओं के अद्भुत संतुलन, जल इकाइयों व ऐतिहासिक स्थलों से समृद्ध पहाड़ी पर मदनमहल ईको जोन बनेगा। पहाड़ी की खाली हुई जमीन को संरक्षित करने के सथ ही मूल रूप लौटाकर आमोद-प्रमोद के स्थल विकसित किए जाएंगे। मसलन हट, योग केन्द्र, आकर्षक झूले व मनोरंजन के अन्य साधन विकसित किए जाएंगे। हाईकोर्ट के आदेशानुसार मदनमहल ईको जोन विकसित करने के लिए डीपीआर तैयार की जाना है। जिससे की संग्राम सागर, मदनमहल किला, शैलपर्ण को एक परिपथ में जोडकऱ मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध कराए जा सकें।

विशेषज्ञों के अनुसार पहाड़ी में संग्राम सागर, देवताल, ठाकुरताल जल इकाई हैं। ऐसे में बीच शहर में एक अच्छा रमणीय स्थल विकसित किया जा सकता है। फिलहाल पहाड़ी की खाली हुई जमीन संवारने दूसरे चरण का काम शुरू हो गया है। सूपाताल मंदिर के सामने व बैलेंसिंग रॉक के सामने फें सिंग करने के बाद आवाजाही के लिए गेट लगा लिया गया है। पौधरोपण के लिए जमीन तैयार की जा रही है। पौधों की सिंचाई के लिए अगर पाइप लाइन बिछ जाती है तो मार्च में ही पौधरोपण किया जाएगा। सिंचाई का साधन उपलब्ध नहीं होने पर दूसरे चरण का पौधरोपण जुलाई में किया जाएगा।

 

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IMAGE CREDIT: patrika

लौटाया जाएगा प्राकृतिक स्वरूप
पहाड़ी को चार दशक पुराना प्राकृतिक स्वरूप देने के लिए खाली हुई जमीन पर आंवला, नीम, बबूल, बीजा, साजा, पीपल, बरगद के पौधे लगाए जाएंगे। अतिक्रमण और अवैध निर्माण होने से पहले भी पहाड़ी में इन्हीं प्रजातियों के पेड़-पौधे हुआ करते थे।

जैव विविधता रखी जाएगी बरकरार
हाईकोर्ट ने प्रशासन को आदेशित किया था मदनमहल पहाड़ी जैवविविधता को बरकरार रखते हुए विकास करना है। इसी के तहत पहाड़ी को खाली कराने व विकास कार्यों को आदेश जारी किया। जिला प्रशासन ने पहाड़ी की खाली हुई जमीन में विकास कार्य के लिए स्मार्ट सिटी को जिम्मेदारी सौंपी। स्मार्ट सिटी ने पौधरोपण के लिए एसएफआरआई को कनसल्टेंट बनाया है। पहले चरण में पौधरोपण सफल रहा। 25 एकड़ में लोगों की सहभागिता से पौधे लगाए हैं।

ये हुए थे पहले चरण में काम
(देवताल से लेकर चौहानी के बीच)
- 25 एकड़ में हुआ पौधरोपण
- 25 हजार पौधे लगाए गए
- वॉक वे का विकास
- जमीन की फें सिंग
- पोखर विकसित किया
- सुरक्षित किए गए कु एं
- जल संवर्धन इकाई विकसित की


मदनमहल ईको जोन विकसित किया जाना है। इसके तहत सबसे पहले पहाड़ी की खाली हुई जमीन पर 25 एकड़ में लोगों की सहभागिता से पौधरोपण कराया गया था जो सफल रहा है। दूसरे चरण में 15 एकड़ में पौधरोपण किया जाना है, इसके लिए जमीन तैयार की जा रही है। मदनमहल ईको जोन की डीपीआर बननी है।
- रवि राव, प्रशासनिक अधिकारी, स्मार्ट सिटी

पहाड़ी पर दूसरे चरण में सूपाताल मंदिर के सामने की ओर व बैलेंसिंग रॉक के सामने की ओर पौधरोपण किया जाना है। पौधरोपण से पहले जमीन को वैज्ञानिक तरीके से तैयार करना आवश्यक होता है। जिससे पौधरोपण सफल रहे, यही कार्य किया जा रहा है।
- केएल कावरे, कंसल्टेंट, स्मार्ट सिटी

जबलपुर। मां भगवती की 52 शक्तिपीठों में से प्रमुख गुप्त शक्तिपीठ शहर के भानतलैया स्थित बड़ी खेरमाई मंदिर का लिखित इतिहास कल्चुरी काल का लगभग 800 वर्ष पुराना है। लेकिन उसके पूर्व भी शाक्त मत के तांत्रिक और ऋषि मुनि अनंतकाल से यहां शिला रूपी मातारानी की आराधना करते थे। यह मंदिर क्षेत्रीय आदिवासियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। शक्ति की तंत्रसाधना के लिए मंदिर की ख्याति रही है।

संग्रामशाह ने स्थापित की थी प्रतिमा
मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी वरिष्ठ अधिवक्ता आदर्शमुनि त्रिवेदी ने बताया कि मंदिर में पहले प्राचीन प्रतिमा शिला के रूप में थी जो वर्तमान प्रतिमा के नीचे के भाग में स्थापित है। उन्होंने बताया कि एक बार गोंड राजा मदनशाह मुगल सेनाओं से परास्त होकर यहां खेरमाई मां की शिला के पास बैठ गए। पूजा के बाद उनमें नया शक्ति संचार हुआ और राजा ने मुगल सेना पर आक्रमण कर उन्हें परास्त किया। 500 वर्ष पूर्व गोंड राजा संग्रामशाह ने मढिय़ा की स्थापना कराई थी।

 

badi khermai ke jaware, jawara julus in jabalpur
IMAGE CREDIT: lali koshta

गांव-खेड़ा की रक्षक हैं माता
मंदिर के पहले के समय में गांव-खेड़ा की भाषा प्रचलित थी। पूरा क्षेत्र गांव के जैसे था। खेड़ा से इसका नाम धीरे-धीरे खेरमाई प्रचलित हो गया। शहर अब महानगर हो गया है, लेकिन आज भी मां खेरमाई का ग्राम देवी के रूप में पूजन किया जाता है।

सोमनाथ के कारीगरों ने बनाया मंदिर
वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिवेदी ने बताया कि वर्तमान मंदिर गौंड़ शासक मदन शाह द्वारा स्थापित प्रतिमाओं के आराधना स्थल पर पूर्व मंदिर की जगह प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर का निर्माण करने वाले शिल्पियों द्वारा निर्मित भव्य मंदिर है। मंदिर में जवारा विसर्जन की परम्परा भी वर्ष 1652 की चैत्र नवरात्र में शुरू हुई थी। इस बार जवारा विसर्जन का 369वां वर्ष है।

हाईटेक है मंदिर की सुरक्षा
सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर में हाइटेक तकनीक अपनाई गई है। यहां 27 सीसीटीवी द्वारा हर आने-जाने वाले पर नजर रखी जाती है।
मंदिर में मुख्य पूजा वैदिक रूप से होती है। यहां दोनों नवरात्र की सप्तमी, अष्टमी और नवमी को रात में मातारानी की महाआरती की जाती है। जिसमें शामिल होने के लिए कई शहरों से लोग पहुंचते हैं। मंदिर के पुजारी के अनुसार नवरात्र के दिनों में यहां मां के नौ रुपों में श्रंगार किया जाता है। इस बार कोरोना को देखते हुए जवारा जुलूस भी सांकेतिक रहने की सम्भावना है।

जबलपुर। सोशल मीडिया पर वायरल हुये वीडियो में व्हीएफजे स्थित वेक्सीनेशन सेंटर पर कोरोना का टीका लगवाने गये बुजुर्ग के साथ दुर्व्यवहार करती नजर आई नर्स श्रीमती जूली को व्हीएफजे अस्पताल प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से वेक्सीनेशन डूयूटी से हटा दिया है तथा उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नर्स द्वारा बुजुर्ग के साथ दुर्व्यवहार और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का यह मामला कलेक्टर कर्मवीर शर्मा द्वारा व्हीकल फैक्टरी प्रशासन के संज्ञान में लाया गया था । शर्मा ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुये वायरल हुआ वीडियो भेजकर इस प्रकरण में दोषी पाये जाने पर नर्स के विरुद्ध तत्काल कार्यवाही करने का आग्रह व्हीएफजे प्रशासन से किया था ।


व्हीकल अस्पताल प्रशासन ने देर रात कलेक्टर शर्मा को सन्देश भेजकर बताया कि वायरल हुये वीडियो पर कार्यवाही करते हुये कोरोना का टीका लगवाने गये बुजुर्ग के साथ दुर्व्यवहार करने वाली नर्स को वेक्सीनेशन की ड्यूटी से हटा दिया है तथा उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है । अस्पताल प्रशासन ने अपने कर्मचारी द्वारा टीका लगवाने गये बुजुर्ग के साथ किये गये इस आपत्तिजनक व्यवहार की निंदा भी की है तथा भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति ना होने का आश्वासन भी कलेक्टर शर्मा को दिया है।

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