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Table of Contents
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weather update: शीतलहर से ठिठुरा प्रदेश, बेहाल हुआ जनजीवन Sunday 31 January 2021 06:40 AM UTC+00 जबलपुर। रविवार को धूप जरूर निकली है लेकिन बर्फीली सर्द हवाओं के चलते लोगों को कंपकंपी छूट रही है। शाम के 4 बजे से ही सूरज की तपिश ठंडी पडऩा शुरू हो जाती है। जिससे ठंड रात को सर्द हवाओं से कंपा देती है। आने वाले एक सप्ताह में मौसम अभी ऐसा ही बना रह सकता है। हिमालय की वादियों से टकराकर आ रही सर्द हवा से शहर कंपकंपा रहा है। शनिवार को न्यूनतम पारा गोता लगाकर 4.8 डिग्री पहुंच गया। शनिवार को सीजन की सबसे सर्द सुबह थी। तेज ठंड की वजह से लोगों की देर सुबह से हुई। दिन में भी सर्द हवा चुभती रही। शाम से गलन वाली ठंड महसूस होने लगी। रात को ठंड से ठिठुरन हुई। सडक़ों पर जल्दी सन्नाटा पसर गया। उत्तरी हवा के औसतन तीन किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलने के कारण शनिवार को पारे में तेज गिरावट आई। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 21.9 और न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सी था। शनिवार को अधिकतम तापमान 22.4 डिग्री और न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री दर्ज हुआ। दिन और रात के तापमान के बीच 17.6 डिग्री का अंतर रहा। मौसम विज्ञान केन्द्र में वैज्ञानिक सहायक देवेन्द्र कुमार तिवारी के अनुसार मराठवाड़ा से लेकर दक्षिणी महाराष्ट्र व तटीय कर्नाटक से होते हुए उत्तरी केरल तक एक ट्रफ लाइन सक्रिय है। मौसम शुष्क बना हुआ है। हवा की दिशा उत्तरी है। इससे आने वाले एक-दो दिन ठंड का दौर जारी रहने की सम्भावना है। |
इंदौर के बाद जबलपुर में दिखा अमानवीय चेहरा, बेसहारा बुजुर्गों को बीच सडक़ छोड़ दिया ठिठुरने Sunday 31 January 2021 07:07 AM UTC+00 जबलपुर। ओस से बचने छांव न ठंड से बचाव के लिए बिछौना, अलाव के लिए लकड़ी भी नहीं है। ठिठुरा देने वाली ठंड में असहाय, मजबूर लोग नर्मदा तट ग्वारीघाट, तहसीली चौक के सामने, रेलवे स्टेशन, फु टपाथ में खुले आसमान तले सर्द रात बिताने मजबूर हैं। जबकि, शहर स्थित आश्रय स्थल खाली पड़े हैं। 'पत्रिका' रिपोर्टर ने ग्वारीघाट स्थित आश्रय स्थल की पड़ताल की तो दीवार काली नजर आईं, जिनकी पुताई वर्षों से नहीं हुई। अलाव की भारी भरकम लकड़ी अंदर पलंग के पास रख दी गई है। शौचालय की ठीक ढंग से सफाई नहीं हो रही है। तीस में से आधे बिस्तर ही भरे हैं। ये ही हाल अन्य आश्रय स्थलों का भी है। नगर निगम इन रैन बसेरों के बेहतर रखरखाव और मौसम के अनुकूल व्यवस्थाओं के बड़े दावे तो करता है, परंतु मौके की तस्वीर हकीकत बयां कर रही है। ठंड से बचाने के नहीं हो रहे प्रयास, बच्चों से लेकर बुजुर्ग भी शामिल
फैक्ट फाइल इन स्थानों पर संचालित हैं रैनबसेरा
खाली हैं आश्रय स्थल भोजन का संकट वापस लौट जाते हैं सभी संचालित रैन बसेरा में मौसम के अनुसार अलाव, कम्बल, बारिश के मौसम में टॉवल, गर्मी के दिनों में पंखा की व्यवस्था की जाती है। फिलहाल 6 रैन बसेरा संचालित हैं। उनमें गर्म कपड़ों की व्यवस्था की गई है। ज्वाला संस्था के माध्यम से आश्रय स्थलों का संचालन किया जा रहा है। खुले में रहने वाले निराश्रितों को रात के दौरान आश्रय स्थल लाया जा रहा है, लेकिन वे वापस लौट जाते हैं। |
शहर में खपा रहे हैं नकली नोट, मप्र पुलिस को बड़े गिरोह की आशंका Sunday 31 January 2021 07:28 AM UTC+00 जबलपुर। शहर में नकली नोटों का धंधा एक बार फिर शुरू हो गया है। हाल ही में पुलिस ने दो मामले पकड़े। इनमें एक नकली नोट बनाने वाला गिरोह था, तो दूसरा वो जो नकली नोट चलाने शहर आया था। इसके खुलासे के बाद पुलिस अलर्ट मोड पर आ गई है। जानकारों की मानें तो शहर में बड़ी मात्रा में नकली नोट खपाए जाने की आशंका है। नकली नोट बनाने वाले अधिकतर गिरोह छोटे नोट बनाते हैं। नकदी लेन-देन में छोटे नोटों का अधिक प्रचलन और इन्हें खपाने में आसानी के चलते पांच रुपए से लेकर पांच सौ रुपए तक के नकली नोट बाजार में धड़ल्ले से चला दिए जाते हैं। हाल ही में उजागर हुए दो मामले: कम मूल्य के नोटों पर ज्यादा फोकस अन्य प्रदेशों पर नजर इन नकली नोटों की डिमांड अधिक नकली नोट बनाने वाले एक गिरोह को पुलिस ने पकड़ा है। नकली नोट चलाने आए लोग पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। गोपनीय रूप से ऐसे लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है, जो इस प्रकार के फर्जीवाड़े में शामिल हैं। |
पवित्र शहर मैहर में होता था ये बुरा काम, जबलपुर पुलिस ने किया खुलासा Sunday 31 January 2021 07:43 AM UTC+00 जबलपुर। फर्जी बही बनाने के लिए जिन सील का उपयोग किया जाता था, वे मैहर में बनाई जाती थी। पुलिस टीम ने मैहर से नकली सील बनाने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर शहर लाया। पुलिस ने शनिवार को गिरोह के सरगना शौकत को भी न्यायालय में पेश किया। वहां से उसे दोबारा सोमवार तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। हनुमानताल पुलिस ने फर्जी बही के जरिए अपराधियों की जमानत कराने वाले गिरोह के मास्टर माइंड शौकत उर्फ मुन्ना (60), सद्दाम अली (22), उदय दाहिया उर्फ पप्पू (50), सुरेश ठाकुर उर्फ लंगड़ (60), सलमा बी (45), सोहन लाल भाट (60) और महेंद्र जायसवाल (51) को न्यायालय में पेश किया। वहां से शौकत को शनिवार तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया, जबकि अन्य आरोपियों को जेल भेज दिया गया। फर्जी बही से जमानत कराने का मामला सौ रुपए अतिरिक्त में बना देता था सील : हनुमानताल थाना प्रभारी एसआई उमेश गोल्हानी ने बताया कि शौकत ने पूछताछ में बताया कि वह मैहर के घंटाघर स्थित मां शक्ति बुक बाइंडिंग नाम की दुकान से विभिन्न तहसील न्यायालयों की फर्जी सील बनवाता था। दुकान संचालक दीपक नामदेव को गिरफ्तार कर शनिवार को जबलपुर लाया गया। दीपक ने पूछताछ में बताया कि उसे प्रति सील सौ रुपए अतिरिक्त मिलते थे। न्यायालय ने फर्जी बही बनाने वाले गिरोह के सरगना शौकत की पुलिस रिमांड सोमवार तक बढ़ा दी है। फर्जी सील बनाने वाले मैहर निवासी दीपक नामदेव को भी गिरफ्तार किया गया है। |
कामवाली बाई के बच्चे चाहते थे पढऩा, इन महिलाओं ने मुफ्त में पूरी कोचिंग ही खोल दी Sunday 31 January 2021 08:09 AM UTC+00 नेहा सेन@जबलपुर/ जिस तरह व्यक्ति के जीवन में शिक्षा का महत्व है, उसी तरह से स्वच्छ पर्यावरण की आवश्यकता लोगों के लिए है। शिक्षा और पर्यावरण ऐसे दो मुद्दे हैं जिनके विकास के लिए बातें सभी करते हैं लेकिन असल मायनों में काम कम लोग कर पाते हैं। इन दोनों ही मुद्दों पर सतत विकास कार्यों द्वारा ही बदलाव संभव हो सकता है, जिसके लिए शहर की दो सहेलियां रंजना खरगोनिया और श्वेता वर्मा काम कर रहीं हैं। इन दोनों ने 'सार' नाम से एक संस्था की स्थापना दो साल पहले की थी, जिसका उद्देश्य निशुल्क शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करना है। श्वेता और रंजना ने बताया कि मैं अक्सर घर में मेड के बच्चों को उनके साथ में आते देखती थी। एक दिन किसी बच्चे से पढ़ाई के बारे में पूछा तो उसकी मां ने कहा, हम सिर्फ घर चलाने का पैसा कमा पाते हैं, फीस के लिए पैसा जुटाना मुश्किल होता है। इसलिए बच्चों को अच्छे स्कूल में भेज पाना संभव नहीं। उस बच्चे की आंखों में अच्छे स्कूल में पढऩे की चाह नजर आई। तभी से निशुल्क शिक्षा देने का निश्चय किया।
महिला सदस्य ही इक्कट्ठा करती हैं फीस सोशल मीडिया से कनेक्टिविटी भी |
#Budget 2021: बेकाबू होती महंगाई से राहत की आस Sunday 31 January 2021 01:49 PM UTC+00 जबलपुर। एक फरवरी को केंद्र सरकार के आम बजट से आम व्यक्ति से लेकर व्यापारी और उद्योग क्षेत्र बड़ी राहत की उम्मीद लगाए हुए है। बड़ा मुद्दा कोरोना संक्रमण और पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस, तेल जैसी चीजों के दामों में तेजी आना है। आम आदमी का कहना है कि उसकी आय सीमित है। उसमें इस महंगाई के दौर में घर चलाना मुश्किल है। गृहणी चाहती है कि उसकी रसोई का बजट कम हो। युवा वर्ग और नौकरीपेशा वर्ग ने उम्मीद लगाई है कि रोजगार के अवसर बढ़े और इनकम टैक्स के लिए आय की सीमा बढ़े। उद्योग और व्यापार वर्ग सरकार से किसी बड़े पैकेज की मांग कर रहा है। कोरोना काल से अब है उबारने का समय खेलों का बजट कम होता है। सरकार से उम्मीद है कि बजट में इसकी सीमा बढ़ाएगी। खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तरीय ओलम्पिक संघों को भी अलग से बजट मिलने की उम्मीद है। सरकारी कर्मचारी ईमानदारी से आयकर चुकाता है। उसकी आय का आंकड़ा सरकार के पास होता है। स्लैब पांच की जगह 7 लाख किया जाए। डिफेंस के उत्पादों को जीएसटी से मुक्त किया जाए। सोना और चांदी के जेवर भले लग्जरी वस्तुएं हों, लेकिन कई बार जरूरत भी होती हैं। इसलिए इसकी एक्साइज कम हो। नकद जेवर की खरीदी की सीमा 10 लाख रुपए तक की जानी चाहिए। उद्योग और व्यवसाय की हालत ठीक नहीं है। लोगों के हाथों में भी पैसा नहीं है। मुद्रा की तरलता के लिए करमुक्त आय का दायरा बढ़े। पेट्रोलियम पदार्थों पर एक्साइज घटाया जाना चाहिए। इस बजट को शताब्दी का सबसे अच्छा बजट कहा जा रहा है। ऐसा है तो स्वागत योग्य है। आम आदमी राहत चाहता है। कोरोना ने उसे बहुत कष्ट दिया है। हर क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है। कोरोना के कारण उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र एक पैर पर खड़ा है। अब नए टैक्स सहन नहीं हो पाएगा। एमएसएमई क्षेत्र को आगे बढ़ाने की योजना सरकार को बजट में लानी चाहिए। औद्योगिक विकास के लिए विशेष पैकेज की उम्मीद सरकार से की जा रही है। इसी प्रकार नए इंडस्ट्री एरिया तथा आइटी पार्क बनाने के लिए भी निश्चित बजट सरकार को देना चाहिए। इससे विकास में तेजी आएगी। |
अब सरकारी दफ्तरों में इस्तेमाल होगा गो-फिनाइल, जारी किया गया आदेश Sunday 31 January 2021 01:56 PM UTC+00 जबलपुर। प्रदेश सरकार ने गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नई योजना शुरु की है। अब मध्य प्रदेश के सरकारी दफ्तरों में गो-फिनायल (Cow Urine Phenyl) का इस्तेमाल होगा। मतलब साफ है कि अब सरकारी ऑफिसों में नामी कंपनियों के फिनायल के बजाय गो-फिनायल (Cow Urine Phenyl) का इस्तेमाल होगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में विभाग प्रमुखों को आदेश जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि शासकीय दफ्तर केमिकल युक्त फिनायल की जगह गोमूत्र (Cow Urine) से बने गो-फिनायल से साफ होंगे। आदेश में पंचायतों से लेकर मंत्रालय स्तर तक के सरकारी दफ्तरों में गो-फिनायल का इस्तेमाल करने की बात कही गई है। शिवराज सरकार के इस फैसले को गो-संवर्धन और गो-संरक्षण के क्षेत्र में बड़ा कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री गोसेवा योजना जिले में संचालित गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी। गोशालाओं व गो अभ्यारण्य केंद्रों में निर्मित गो—फिनाइल का उपयोग शासकीय कार्यालयों में किया जाएगा। गो शालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह योजना कारगर साबित हो सकती है। |
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