भोपाल. संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश में कॉलोनियों में स्कूल-अस्पताल या इसी तरह के उपयोग के लिए अब अलग से ले-आउट मंजूरी की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है। कॉलोनी का ले-आउट मंजूर है और उसमें स्कूल-अस्पताल के प्लॉट तय है तो सिर्फ नगर निगम की भवन अनुज्ञा लेकर निर्माण शुरू किया जा सकता है। अब तक इसके लिए टीएंडसीपी से अभिमत के लिए फाइल को चलाया जाता था। आयुक्त सह संचालक श्रीकांत बनोठ ने बकायादा लिखित आदेश जारी किया है।
यह लाभ
- कॉलोनियों में स्कूल-कॉलेज के साथ अस्प्ताल या इसी तरह के निर्माण के लिए अलग से ले-आउट मंजूरी की प्रक्रिया से लोग बचते हैं। इसे लगातार टाला जाता है, जिससे इन प्लॉट पर अन्य निर्माण हो जाते हैं। रहवासियों को अपने घर के पास स्कूल-कॉलेज, अस्पताल, बाजार जैसी सुविधा समय पर नहीं मिल पाती। अब सिर्फ नगर निगम से अनुज्ञा लेकर काम शुरू होगा, जिससे तय प्लॉट पर उसकी भू उपयोग का निर्माण होने की उम्मीद बनेगी।
ऐसे समझे गड़बड़
- रानी कमलापति स्टेशन के सामने अरेरा कॉलोनी इ4 का एक प्लॉट अस्पताल के लिए तय था। यहां अतिरिक्त ले-आउट मंजूर कराने की वजह से अस्पताल नहीं बन पाया। स्थिति ये बनी कि बाद में यहां एक निजी रसूखदार ने प्लॉट को अपने नाम करवाकर होटल खोल दी। तय प्लॉट पर अस्पताल नहीं बनने का असर ये हुआ कि जब कॉलोनी में अस्पताल की जरूरत महसूस हुई तो घरों में छोटे प्लॉट पर अस्पताल खुल गए। अब जहां अस्पताल होना था वहां होटल हो गई और जहां घर होने थे वहां अस्पताल बन गए। पूरे क्षेत्र में दिक्कत बना रहे हैं। शहरभर में ऐसे दर्जनों उदाहरण है।