>>: सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बार काउंसिल के सदस्यों के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई पर रोक लगाई

>>

Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment!

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने मामले में नोटिस जारी किया और अंतरिम आदेश पर रोक लगाने का निर्देश दिया।


मध्यप्रदेश स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष प्रेम सिंह भदौरिया द्वारा दायर एसएलपी में हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश को चुनौती दी गई है। काउंसिल का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा, वरुण तन्खा और एओआर सुमीर सोढ़ी ने किया। जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हाई कोर्ट ने व्यक्तिगत सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई हटा दी गई थी, लेकिन काउंसिल व एसोसिएशनों पर कार्रवाई जारी रखी है। प्रत्येक याचिकाकर्ता पहले ही बिना शर्त माफ़ी मांग चुका है और इस न्यायालय से बिना शर्त माफ़ी मांगने को तैयार है। आगे यह तर्क दिया गया है कि वर्तमान परिदृश्य में जानबूझकर अवज्ञा का कोई घटक नहीं बनाया गया था।

यह है मामला
मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने साल के प्रत्येक तिमाही में 25 सबसे पुराने मामलों के निराकरण के लिए समय सीमा तय की थी। अधिवक्ता संगठनों ने इसका विरोध किया और निर्णय वापस नहीं लेने पर न्यायालीयन कार्य से विरत रहने की घोषणा कर दी थी। जिसे लेकर मार्च 2023 में अधिवक्ता हाई कोर्ट से लेकर जिला अदालतों तक प्रकरणों की सुनवाई में उपस्थित नहीं हुए तो हाई कोर्ट ने आपराधिक अवमानना की कार्रवाई शुरू की।

You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at mpnews661@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription.