>>: दुराचार के प्रयास की एफआईआर कराने बच्ची को लेकर आधी रात में भटकता रहा परिवार, सुबह तक बैठाकर रखा

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कटनी. एनकेजे थाना क्षेत्र में आठ साल की बच्ची को 50 वर्षीय पड़ोसी द्वारा बुरी नियत से पकड़ लियाऔर बच्ची को उठाकर अपने घर के टॉयलेट में ले गया। चिल्लाने पर उसे धमकाने लगा। इसी बीच बच्ची के परिजनों ने उसे तलाशते हुए आवाज लगाई तो आरोपी बच्ची को छोडकऱ भाग निकला। बच्ची ने परिजनों को घटना की जानकारी दी। मासूम बच्ची के साथ हुई इस घटना की एफआईआर के लिए पीडि़त परिवार आधी रात तक भटकता रहा। आलम यह रहा कि पीडि़त परिवार की एफआइआर दर्ज करवाने के लिए एसपी को हस्तक्षेप करना पड़ा। एसपी के आदेश पर एफआईआर तो हुई, लेकिन पीडि़त परिवार रातभर थाने में ही बैठा रहा। पीडि़त परिवार ने बताया कि आरोपी उनके घर के समीप ही रहता है। रविवार शाम 7 बजे उनके बच्ची घर के बाहर खेल रही थी। इसी दौरान आरोपी उसे मुंह दबाकर पकडकऱ अपने घर ले गया। घर के अंदर प्रसाधन में बंद कर दिया और जान से मारने की धमकी देने लगा। इसी दौरान जब बच्ची घर के बाहर नहीं दिखी तो हमने आवाज लगाई। बच्ची पड़ोसी के घर से बाहर आई और आरोपी वहां से भाग निकला।

एनकेजे थाना से भेज दिया महिला थाना
पीडि़त परिवार मासूम बच्ची के साथ हुई इस घिनौनी घटना की शिकायत लेकर रात 10 एनकेजे थाना पहुंचा तो पुलिस ने गैर जिम्मेदार रवैया अपनाया। एनकेजे पुलिस ने परिवार से कहा कि महिला अधिकारी न होने के कारण आपकी एफआइआर यहां नहीं हो पाएगी और परिवार को महिला थाना भेज दिया। जबकि पुलिस को महिला अधिकारी को थाना बुलवाकर एफआइआर करनी थी।

महिला थाना में एफआइआर से करती रहीं इंकार
पीडि़त परिवार रात 11 बजे मासूम बच्ची को लेकर महिला थाना पहुंचा तो थाना प्रभारी नहीं थीं। परिजनों का आरोप है कि आधे घंटे बाद महिला थाना प्रभारी पहुंचीं और बच्ची से पूछताछ की। इसके बाद परिवार को घर जाने के लिए कह दिया, कहा कि एफआइआर नहीं होगी।

एसपी को दी एफआईआर न होने की जानकारी
रात करीब 12 बजे महिला थाना में एफआइआर दर्ज न होने की जानकारी एसपी तक पहुंची। पीडि़त परिवार के साथ थाने में मौजूद पूर्व पार्षद मनोज गुप्ता ने एसपी को फोन कर जानकारी दी और एफआईआर करने की मांग की। मनोज गुप्ता ने बताया कि एसपी के कहने के बाद महिला थाना प्रभारी मधु पटेल ने प्रकरण की जांच शुरू की।

एफआईआर के पहले आरोपी को पकड़ा
परिजनों ने बताया कि महिला थाना पुलिस थाने से सभी को लेकर घटनास्थल पहुंची। यहां देररात मोहल्ले को लोग जमा हो गए। इसके बाद पूछताछ हुई और पुलिस ने आरोपी को पकड़ा। आरोपी पकडऩे के बाद पुलिस ने रात 2.50 बजे से एफआइआर की प्रक्रिया शुरू हुई। परिजनों ने बताया कि महिला थाना पुलिस ने सुबह 5 बजे तक एफआइआर दर्ज की है। आरोपी के खिलाफ धारा 354, 354 (क), 342, 506, लैङ्क्षगक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 7,8 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।

न्यायालय में भी पुलिस की लापरवाही, एसपी ने दिए जांच के आदेश
जानकारी के अनुसार महिला थाना पुलिस ने सोमवार सुबह 5 बजे तक एफआइआर दर्ज करने की कार्रवाई के बाद पीडि़त बच्ची व उसकी मां को न्यायालय में बयान दर्ज कराने दोपहर 12 बजे पहुंचने का समय दिया। पीडि़त बच्ची व मां पुलिस के दिए समय पर न्यायालय तो पहुंच गए लेकिन बच्ची के 164 के बयान दर्ज नहीं हो सके। पुलिस ने परिजनों को बताया कि थाना में दर्ज बच्ची के 161 के कथन हम लेकर नहीं आए हैं, जिसके कारण आज सिर्फ मां के बयान दर्ज हो पाएंगे। बताया तो यह भी जा रहा है कि रातभर मासूम बच्ची सहित पीडि़त परिवार को थाने में बैठाने के बाद भी पुलिस ने 161 के कथन नहीं लिए। न्यायालय में बच्ची के बयान न होने को लेकर एसपी अभिजीत रंजन ने जांच के आदेश दिए हैं। एसपी के आदेश पर मामले की जांच के लिए सोमवार दोपहर एएसपी संतोष डेहरिया महिला थाना पहुंचे और संबंधित जांच अधिकारी व पुलिसकर्मियों से पूछताछ की।

एक्सपर्ट व्यू...
पास्को एक्ट के मामले में तत्काल सुनवाई करते हुए मामले की गंभीरता से जांच व कार्रवाई करना चाहिए था। पीडि़ता को एनकेजे थाना में एफआइआर दर्ज न कर महिला थाना भेजना गलत है, चूंकि पीडि़ता 8 साल की मासूम बच्ची है, ऐसी स्थिति में महिला अधिकारी को एनकेजे थाना बुलावकर एफआइआर करनी चाहिए थी। रातभर मासूम बच्ची व परिवार का न्याय के लिए इस तरह से भटकाना गलत है। पुलिस की यह गंभीर लापरवाही है। एनकेजे व महिला थाना पुलिस का रवैया बालिका सुरक्षा के प्रति बिल्कुल भी संवेदनहीन है।
मीना सिंह बघेल, अधिवक्ता, जिला न्यायालय कटनी

इनका कहना
एनकेजे थाना में महिला पुलिस अधिकारी न होने के कारण पीडि़त परिवार को महिला थाना भेजा गया था। महिला थाना में एफआइआर न होने की जानकारी परिजनों द्वारा दी गई थी, जिसपर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए। एफआइआर दर्ज कराई गई है। न्यायालय में पीडि़ता के कथन न होने की जानकारी मिली है। ऐसा क्यों हुआ है और लापरवाही कहां की गई है, इसकी जांच एएसपी को सौंपी गई है।
अभिजीत रंजन, एसपी।

महिला व बच्चों से संबंधित अपराधों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एनकेजे थाना क्षेत्र में हुई घटना में एफआइआर दर्ज करने में लेटलतीफी किए जाने की जानकारी मिली है। इस संबंध में नोटिस जारी किया गया जा रहा है और एसपी को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने कहा गया है। लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
टीके विद्यार्थी, डीआइजी, जबलपुर।

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