कटनी. जिले में 176 सरकारी हाई व हॉयर सेकंडरी स्कूल संचालित हो रहे हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार परिणाम सुधरा है, लेकिन शत-प्रतिशत परिणाम से जिला अभी भी पिछड़ा है। कक्षा 10वीं में 66.26 प्रतिशत परिणाम आया है, जबकि कक्षा 12वीं में 71.11 प्रतिशत है। तमाम कोशिशों के बाद भी जिले का परिणाम शत-प्रतिशत नहीं आया है। जिले के कुछ स्कूल तो ऐसे हैं, जिनका परिणाम 50 और 40 प्रतिशत से भी कम है। आपको जानकर हैरानी होगी कि कक्षा 10वीं में बालक उमा विद्यालय बरही का परिणाम 28.57, हाइस्कूल देवरी मंगेला 22.22, हाइस्कूल कोठी का परिणाम 18.75 प्रतिशत है। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में शाउमा विद्यालय सिनगौड़ी का 20.54 प्रतिशत परिणाम आया है। अतिथि शिक्षकों के भरोसे पढ़ाई, सरकारी शिक्षकों द्वारा रुचि न लेने और अफसरों द्वारा ठीक से निगरानी न करने के कारण परिणाम शत-प्रतिशत नहीं आया।
100 प्रतिशत परिणाम वाले यह हैं स्कूल
5 स्कूलों का कक्षा 10वीं में 100 प्रतिशत परिणाम आया है। इसमें हाइस्कूल रामपाटन, देवराखुर्द, हॉयर सेकंडरी स्कूल खरखनी नंबर-01, हाइस्कूल बडग़ांव, हॉयर सेकंडरी स्कूल निटर्रा है। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में 4 स्कूलों के परिणाम 100 फीसदी हैं। इनमें शाउमा विद्यालय निटर्रा, सीएम राइज रीठी, शाउमा विद्यालय सलैया सिहोरा, शाउमा विद्यालय मुरवारी शामिल है।
यह कवायद, फिर भी परिणाम संतोजनक नहीं
विद्यार्थियों को परिपक्व करने व बेहतर परिणाम को लेकर जिले में आइसीटी स्मार्ट क्लास, मिशन-45 अभियान चलाया गया। इसके तहत आधार बुकलेट का वितरण कराया गया। 22 हजार 385 विद्यार्थियों को बुकलेट बांटी गईं। इसमें प्रतिदिन बच्चों से 10-10 प्रश्न हल कराए गए। इसके अलावा रैपिड-30 चलाया गया, इसमें भी सभी विषयों के 10-10 अभ्यास प्रश्न हल कराए गए। इसके अलावा शिक्षकों की मीटिंग, ब्लॉकवार समीक्षा, कमजोर बच्चों की रैमेडियल क्लास आदि चलाई गईं, बावजूद इसके संतोषजनक परिणाम नहीं आया।
परिणाम खराब आने की यह भी है वजह
बच्चों की ठीक से पढ़ाई न होने की मुख्य वजह शिक्षकों से गैर शिक्षकीय काम कराया जाना तो प्रमुख कारण है ही साथ ही शिक्षकों की कमी भी है। जिले के 29 हाइस्कूल ऐसे हैं, जहां पर एक भी सरकारी शिक्षक नहीं हैं, अतिथि शिक्षकों के भरोसे पढ़ाई हो रही है। मात्र 26 स्कूलों में नियमित प्राचार्य है। शेष में प्रभारी के भरोसे पढ़ाई चल रही है। एक प्रमुख कारण यह भी है कि जिले के हाई व व हॉयर सेकंडरी स्कूल में 1200 शिक्षकों की आवश्यकता है, जिसमें मात्र 652 शिक्षक ही पदस्थ हैं, शेष अतिथि शिक्षकों से काम चल रहा है।
यह है 9 साल में 10वीं-12वीं परिणाम की स्थिति
वर्ष कक्षा 10वीं 12वीं
2024 66.26 71.11
2023 59.32 35.84
2022 55.86 71.31
2020 53.79 63.29
2019 54.82 74.03
2018 44.10 62.94
2017 44.10 56.32
2016 43.96 60.42
2015 44.19 61.87
कक्षा दसवीं में 66.26 प्रतिशत परिणाम
कक्षा 10वीं 15733 विद्यार्थियों को परीक्षा देनी थी, जिसमें से 15667 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। 15666 विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम आया, एक विद्यार्थी का परीक्षा परिणाम रुक गया है। इसमें से 10381 विद्यार्थी पास हुए हैं। प्रथम 6257, द्वितीय 4053, और 71 तृतीय स्थान पर हैं। 1834 बच्चों की सप्लीमेंट्री आई है, 3451 असफल हो गए हैं।
71.11 फ़ीसदी 12वीं का परिणाम
हायर सेकंडरी के परीक्षा परिणाम 71.11 प्रतिशत है। 11749 विद्यार्थियों को परीक्षा देनी थी, जिसमें से 11724 ने परीक्षा दी। 11724 विद्यार्थियों में से 8337 बच्चे पास हुए हैं। 5980 बच्चे प्रथम, 2336 विद्यार्थी द्वितीय व 21 विद्यार्थी तृतीय स्थान पर आए हैं। 1928 बच्चे फेल हो गए हैं व 1459 विद्यार्थियों का परिणाम पूरक है।
खास-खास
- कक्षा 10वीं में प्रदेश में 8वां व कक्षा 12वीं में प्रदेश में आया है 9वां स्थान।
- 28 स्कूलों का 10वीं में आया है 90 से 100 प्रतिशत परीक्षा परिणाम।
- 20 स्कूलों का 12वीं में 90 प्रतिशत से अधिक आया है परीक्षा परिणाम।
- 10वीं में 98 स्कूलों का आया है 66 प्रतिशत से अधिक परिणाम।
- 52 स्कूलों का कक्षा 12वीं में आया है 71 प्रतिशत से अधिक परिणाम।
- 03 स्कूलों का 30 प्रतिशत से भी कम आया है परीक्षा परिणाम।
- बेहतर परिणाम वाले स्कूलों का किया जाएगा सम्मान।
50 प्रतिशत से कम के यह हैं स्कूल
कई स्कूल ऐसे हैं जिनका परिणाम 50 प्रतिशत से कम है। इसमें उमावि नदावन 48.31, हाइस्कूल जगुआ 48 प्रतिशत, हाइस्कूल लुहरवारा नंबर एक 38.46, बिचपुरा 40.91, लुरमी 36.96, स्लीमनाबाद 39.66, खम्हरिया 32.26, ढीमरखेड़ा 39.76, धरवारा 31.37, भूला 36, झिर्री 37.4, खंदवारा 37.14, पिंडरई 30.61, बिचुआ 43.84, कुठला 37.93, हरदुआ 42.55, पिपरौंध 48.62, कैलवारा कलां 47.50, खम्हरिया नंबर एक 41.65, खलवारा बाजार 37.68, डोकरिया 47.68, इटौरा 44.58, नन्हवाराकलां 36.73, अम्बुआरी 33.33, मोहास नंबर एक 41.86, चपना 45.95 प्रतिशत परिणाम आया।
वर्जन
जिन स्कूलों का खराब परीक्षा परिणाम आया है उनको नोटिस जारी करेंगे। जिनका बेहतर आया है उनको सम्मानित किया जाएगा। आने वाला परीक्षा परिणाम बेहतर आए उसके लिए अभी से रणनीति बनाकर काम करेंगे। जिन स्कूलों का परिणाम बेहतर आया है उनसे अन्य स्कूलों को प्रेरणा लेनी चाहिए।
पीपी सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी।