>>: आचार संहिता की जांचों में सामने आ रहा प्रदेश में ड्रग माफिया का नेटवर्क, अभी तक 17 हजार किलो ड्रग्स जब्त

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चुनावी आचार संहिता के दौरान जगह-जगह हो रही वाहनों की जांच में यह भी सामने आया है कि मध्यप्रदेश में किस कदर ड्रग्स की खपत और इसका बेखौफ आवागमन बढ़ रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि करीब 40 दिन में ही अभी तक 17 हजार किलोग्राम ड्रग्स जब्त की जा चुकी है। इसका मूल्य 23 करोड़ के लगभग है। इसमें पकड़े गए लोगों से पुलिस उनके नेटवर्क का पता करने का प्रयास कर रही है। लेकिन इससे यह तो साबित हो रहा है कि प्रदेश में ड्रग माफिया अपनी पैठ बना चुका है। चुनाव में भी इसका उपयोग किए जाने से इंकार नहीं किया जा सकता है।

अब तक की ड्रग्स की सबसे बड़ी खेप इंदौर में 29 मार्च को पकड़ी गई थी। वहां जांच अमले ने एक वाहन से 8 किलोग्राम ब्राउनशुगर जब्त की थी। पुलिस ने वाहन भी जब्त किया और दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार आचार संहिता के दौरान अभी तक 247 करोड़ रुपए की जब्ती हो चुकी है। इसमें से लगभग 23 करोड़ की 17 हजार किलो ड्रग्स शामिल हैं। इसके साथ 34 करोड़ की 22 लाख लीटर शराब भी जब्त हुई है जो अवैध शराब की खरीदी-बिक्री को बता रहा है।
इन जिलों में सर्वाधिक मिली ड्रग्स

इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, मंदसौर, रतलाम, उज्जैन, नीमच, झाबुआ, रीवा जिलों में अभी तक हुई जांच में सबसे ज्यादा ड्रग्स मिली हैं। हालांकि कुछ छोटे जिलों में भी ड्रग्स जब्त की गई हैं।

यह ड्रग्स ज्यादा
ब्राउनशुगर, हेरोइन, एमडीएमए, पोपी हस्क, स्मैक सबसे ज्यादा जब्त की गई हैं।

युवाओं में सबसे ज्यादा लत

ड्रग्स स्मगलर्स से पुलिस पूछताछ में जो तथ्य सामने आ रहे हैं उनके अनुसार ड्रग्स के प्रदेश में सबसे ज्यादा खरीदार युवा हैं। इनकी सप्लाई हुक्का बार से लेकर गोपनीय तरीके से होने वाली रेव पार्टियों तक में की जाती हैं। कई स्कूल-कॉलेजों के आसपास भी इसकी जमकर बिक्री होती है। ड्रग माफिया ने पूरा नेटवर्क बना रखा है ताकि युवाओं तक यह आसानी से पहुंच सके।

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