>>: मरीजों को नि: शुल्क अस्पताल पहुंचाकर मानव सेवा की मिसाल कायम करने वाले जावेद पर कार्रवाई, पत्नी के गहने बेचकर बनाया ऑटो एंबुलेंस

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भोपाल/ कोरोना महामारी के इस दौर में जब कई लोग जब अपने सगों को छोड़ दे रहे हैं, वहीं आपदा में अवसर तलाशने वाले कई निजी एंबुलेंस संचालक लोगों को अस्पताल छोड़ने के नाम पर कई बार दस गुना तक किराया वसूल रहे हैं। ऐसे में अपनी पत्नी के गहने बेचकर कोरोना संक्रमितों को अपने ऑटो से निः शुल्क अस्पताल पहुंचाने वाले जावेद खान नामक ऑटो चालक के खिलाफ पुलिस ने कारर्वाई की है। एक तरफ इंसानियत की ऐसी मिसाल पेश करने वाले जावेद खान को देशभर में लोग सलाम कर रहे हैं, तो वहीं पुलिस का उन्हें गिरफ्तार करने के पीछे तर्क ये है कि, वो भले ही लोगों की सेवा कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने ऑटो में ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने की अनुमति नहीं ली है।

 

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पुलिस ने की धारा 188 के तहत कार्रवाई

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घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें ऑटो ड्राइवर जावेद खान शहर के छोला थाना पुलिस से अपील करते हुए नजर आ रहे हैं कि, उन्हें मरीज को लेने के लिये अस्पताल जाना हैं। उन्होंने मरीजों की निशुल्क सेवा के लिये अपने ऑटो को एंबुलेंस की सुविधाओं से लेस किया है। यही कारण है कि, उनके ऑटो में ऑक्सीजन टैंकर भी लगा है। लकिन, पुलिस का कहना है कि, ऑटो में ऑक्सीजन की अनुमति नहीं है, इसलिये उन्हें मरीज को लेने भी नहीं जाने दिया जाएगा। ऑटो चालक जावेद खान के मुताबिक, पुलिस द्वारा उनके खिलाफ बिना अनुमति सिलेंडर रखने की वजह से धारा 188 के तहत कार्रवाई की गई है।

 

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सोशल मीडिया पर पुलिसिया कार्रवाई की आलोचना

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उस समय जब आपदा में अवसर तलाशने वाले कई एंबुलेंस संचालक मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के नाम पर मौटी रकम वसूल रहे हैं, ऐसे हालात में भोपाल के रहने वाले ऑटो चालक जावेद अपने रिक्शा से उन मरीजों को फ्री में अस्पताल पहुंचाने का काम कर रहे हैं, जिन्हें ऐसी स्थिति में भी समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पा रही। इस मुश्किल घड़ी में लोगों की मदद के लिये जावेद ने अपनी पत्नी के गहने बेचकर भी मानव सेवा को प्राथमिकता देकर ये साबित कर दिया कि, कुछ लोग भले ही जेब से नहीं लेकिन दिल से बहुत अमीर होते हैं! सोशल मीडिया पर जहां एक तरफ जावेद के सेवा कार्य की सराहना की जा रही है, तो वहीं उनके खिलाफ हुई पुलिसिया कार्रवाई की आलोचना भी होने लगी है।

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